NEET-UG परीक्षा रद्द नहीं करें, 56 परीक्षार्थियों की सुप्रीम कोर्ट में याचिका

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supreme court

NEET UG Exam 2024: नीट-यूजी (NEET-UG) में सफल हुए गुजरात के 50 से अधिक परीक्षार्थियों ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर केंद्र व एनटीए को पांच मई को हुई परीक्षा रद्द नहीं करने का निर्देश देने का अनुरोध किया। नीट की परीक्षा में देशभर में करीब 24 लाख परीक्षार्थी बैठे थे। 

 

उन्होंने शीर्ष अदालत से केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को नीट-यूजी परीक्षा में पेपर लीक और नकल जैसी अनुचित गतिविधियों में शामिल छात्रों तथा अन्य लोगों की जांच व पहचान करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश देने की भी मांग की है। ALSO READ: NEET मुद्दे पर शिक्षा मंत्री ने विपक्ष पर साधा निशाना, बोले- झूठ फैला रहे कांग्रेस और INDIA गठबंधन

 

26 याचिकाओं पर होगी सुनवाई : गुजरात के 56 छात्रों ने यह याचिका ऐसे समय में दायर की है, जब प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की एक पीठ 26 याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है। इन याचिकाओं में दोबारा परीक्षा कराने और पहले हुई परीक्षा की जांच की मांग की है।

 

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट-यूजी का आयोजन करती है। इस साल 5 मई को 4 हजार 750 केंद्रों पर यह परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग 24 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। ALSO READ: NTA ने NEET UG के लिए पुन: परीक्षा के परिणाम घोषित किए, संशोधित रैंक सूची जारी

 

कई शहरों में हुए थे प्रदर्शन : प्रश्न पत्र लीक समेत अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए तथा विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाया। पिछली परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और उच्चस्तरीय जांच की मांग संबंधी याचिकाओं पर 8 जुलाई को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होगी। सिद्धार्थ कोमल सिंगला और 55 अन्य छात्रों की नई याचिका वकील देवेंद्र सिंह के माध्यम से दायर की गई है।

 

‍विद्यार्थियों ने क्या कहा याचिका में : याचिका में कहा गया है कि माननीय अदालत को प्रतिवादियों (केंद्र और एनटीए) को नीट-यूजी दोबारा आयोजित नहीं करने का निर्देश देना चाहिए … क्योंकि यह न केवल ईमानदार और मेहनती छात्रों के लिए नुकसानदायक होगा, बल्कि शिक्षा के अधिकार का और संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का भी उल्लंघन होगा।

 

याचिका में केंद्र और एनटीए को अनुचित तरीके अपनाने वाले परीक्षार्थियों की पहचान करके उन्हें दंडित करने और उन केंद्रों की पहचान कर उचित कार्रवाई का निर्देश देने की मांग की गई है, जहां नीट-यूजी 2024 परीक्षाओं के लिए स्थापित दिशानिर्देशों से कोई समझौता किया गया है।

 

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता लगभग 17-18 वर्ष की आयु के युवा छात्र हैं और चिकित्सक बनने के सपने को साकार करने के लिए उन्होंने अपना 100 प्रतिशत दिया है और 3-4 वर्षों से अधिक की लगातार कड़ी मेहनत के बाद परीक्षा उत्तीर्ण की है।

 

अनावश्यक तनाव : याचिका में कहा गया है कि हालांकि, परीक्षा रद्द करने और सभी के लिए दोबारा परीक्षा कराने की आशंका से संबंधित समाचार मानसिक दबाव और अनावश्यक तनाव पैदा कर रहे हैं। छात्रों ने याचिका में कहा कि यदि मीडिया के भ्रामक कवरेज के परिणामस्वरूप दोबारा परीक्षा होती है, तो ईमानदार सफल छात्रों को परेशानी होगी।

 

याचिका में कहा गया है कि मुख्य याचिकाकर्ता सिंगला ने नीट-यूजी 2024 की मेरिट सूची में 778वां स्थान प्राप्त किया है। याचिका के अनुसार, वह हमेशा से एक उत्कृष्ट छात्र रहा है और उसने 12वीं कक्षा में 96.60 प्रतिशत अंकों के साथ अपने स्कूल में टॉप किया… अन्य सह-याचिकाकर्ताओं में ऐसे छात्र भी हैं, जिन्होंने प्रथम रैंक हासिल की है। (भाषा/वेबदुनिया)

Edited by: Vrijendra Singh Jhala

 

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