ग़ाज़ा संकट: 19 लाख फ़लस्तीनी आन्तरिक विस्थापन के शिकार

[ad_1]

israel vs palestine

संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता कार्यालय (OCHA) ने कहा है कि ग़ाज़ा पट्टी में जारी युद्ध के कारण पिछले 9 महीनों में अब तक 19 लाख फ़लस्तीनी लोग अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर हुए हैं और इनमें से बड़ी संख्या में लोग कई बार विस्थापन का शिकार हुए हैं। यूएन एजेंसी का कहना है कि आम फ़लस्तीनी जन पीड़ा में हैं और यहां क़रीब सभी लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है। बता दें कि ग़ाज़ा पट्टी में विस्थापित होने वाले फ़लस्तीनियों ने टैंट से बने अस्थाई शिविरों में शरण ले रखी है।

क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े में यूएन एजेंसी कार्यालय के प्रमुख ऐंड्रिया डे डोमेनिको ने येरूशेलम से न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि ग़ाज़ा की मौजूदा आबादी फ़िलहाल 21 लाख होने का अनुमान है। इनमें से 19 लाख लोग ग़ाज़ा की सीमाओं के भीतर विस्थापित हुए हैं, जिनमें से कईं अनेक बार, 9 या 10 बार विस्थापित होने के लिए मजबूर हुए हैं।

उनके अनुसार पिछले 9 महीनों में लोग एक जगह से दूसरे स्थान पर जाने फिर कोई और जगह ढूंढने के लिए मजबूर हैं। उनके शरण स्थल पर उन्हें हमारे समर्थन देने या सेवाएं मुहैया कराने की क्षमता भले ही कुछ भी हो।

यूएन मानवीय सहायता एजेंसी ने कहा कि ग़ाज़ा पट्टी दो हिस्सों में बंट गया है और इसराइली नाकाबन्दी के कारण विस्थापितों व आश्रय ढूंढ रहे लोगों की आवाजाही पर असर हुआ है। साथ ही यह सहायताकर्मियों के लिए भी चुनौतीपूर्ण स्थिति है।

फ़लस्तीनी क्षेत्र में, यूएन एजेंसी (OCHA) कार्यालय के प्रमुख ऐंड्रिया डे डोमेनिको ने बुधवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि इसराइल द्वारा सोमवार को बेदख़ली आदेश दिए जाने के बाद, दक्षिणी ग़ाज़ा में स्थित ख़ान युनिस से हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं। यहां से बाहर जाने वाले लोगों को तांता देखा गया है।

जगह छोड़ने का आदेश : सोमवार को इसराइल द्वारा वहां जगह ख़ाली करने का आदेश दिए जाने के बाद यूएन एजेंसियां अपने साझेदार संगठनों के साथ मिलकर सहायता अभियान में ज़रूरी बदलाव करने में जुटी हैं।

दक्षिणी इसराइल पर हमास व अन्य हथियारबन्द गुटों के आतंकी हमलों और लोगों को बन्धक बनाए जाने के बाद, इसराइली सैन्य कार्रवाई में ग़ाज़ा में भीषण तबाही हुई है। 37 हज़ार से अधिक लोगों की जान गई है, हज़ारों अन्य घायल हुए हैं, और विशाल स्तर पर मानवीय आवश्यकताएं उपजी हैं।

ऐंड्रिया डे डोमेनिको के अनुसार क़रीब तीन लाख लोग अब भी उत्तरी ग़ाज़ा में हैं, मगर वे दक्षिणी इलाक़ों की ओर आ पाने में असमर्थ हैं।

उन्होंने कहा कि इन संख्याओं के पीछे आम नागरिक हैं, महिलाएं व पुरुष, लड़के-लड़कियां, डॉक्टर, छात्र, कलाकार, पत्रकार, शिक्षक, और ऐसे अनगिनत लोग जो कष्ट में हैं, जिनके सपने व उम्मीदे हैं।

अस्पताल हुआ ख़ाली : यूएन मानवतावादी कार्यालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने मंगलवार को ख़ान युनिस में योरोपीय ग़ाज़ा अस्पताल का दौरा किया, जोकि अब ख़ाली है।

यूएन स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस के अनुसार इस अस्पताल में भर्ती 320 मरीज़ों और अन्य चिकित्साकर्मियों ने यह अस्पताल छोड़ दिया है। अधिकांश मरीज़ों को नासेर मेडिकल परिसर में भेजा गया है, जोकि अब पूरी तरह मरीज़ों से भर चुका है। चिकित्सा आपूर्ति और सर्जरी के लिए दवाएँ कम मात्रा में ही उपलब्ध हैं।

यूएन एजेंसी महानिदेशक घेबरेयेसस ने बताया कि योरोपीय अस्पताल की क्षमता 650 बिस्तरों की थी, मगर इसे मौजूदा हालात में देखना पीड़ादाई है। एक ऐसे समय में जब स्वास्थ्य देखभाल की बहुत आवश्यकता है।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों की हर हाल में रक्षा की जानी होगी और वहां जल्द से जल्द काम फिर शुरू करने की व्यवस्था की जानी होगी। डॉक्टर टैड्रॉस के अनुसार ग़ाज़ा में अब और अस्पतालों में कामकाज ठप होने का जोखिम मोल नहीं लिया जा सकता है।

[ad_2]

Source link


Discover more from सच्चा दोस्त न्यूज़

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

Back To Top

Discover more from सच्चा दोस्त न्यूज़

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading