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Delhi court dismisses Puja Khedkars anticipatory bail plea : दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की पूर्व प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर (Pooja Khedkar) को अग्रिम जमानत देने से गुरुवार को इनकार कर दिया। उन पर धोखाधड़ी करने और गलत तरीके से अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) तथा पीडब्ल्यूडी (दिव्यांगजन) कोटा का लाभ उठाने का आरोप है। UPSC ने 31 जुलाई को उनका सिलेक्शन रद्द कर दिया और कहा कि वे भविष्य में UPSC का कोई एग्जाम नहीं दे पाएंगी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जंगला ने कहा कि दिल्ली पुलिस को ‘यह भी जांच करनी चाहिए कि क्या संघ लोकसेवा आयोग (UPSC) में किसी ने खेडकर की मदद की थी। न्यायाधीश ने मामले में जांच का दायरा भी बढ़ाया और दिल्ली पुलिस को यह जांच करने का निर्देश दिया कि क्या अन्य उम्मीदवारों ने बिना पात्रता के ओबीसी और पीडब्ल्यूडी कोटे के तहत लाभ उठाया है।
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यूपीएससी ने बुधवार को खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं में हिस्सा लेने से भी रोक दिया। न्यायाधीश ने बुधवार को खेडकर द्वारा दायर अर्जी पर दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। खेडकर ने अपने वकील के माध्यम से दायर अर्जी में दावा किया कि उन्हें ‘गिरफ्तारी का खतरा’ है।
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के साथ-साथ यूपीएससी की ओर से पेश वकील ने अर्जी का विरोध करते हुए दावा किया कि खेडकर ने ‘व्यवस्था को धोखा दिया है।’
यूपीएससी की ओर से पेश वकील ने अदालत के समक्ष दावा किया था, ‘‘खेडकर ने कानून प्रक्रिया का दुरुपयोग किया। उनके द्वारा कानून का दुरुपयोग करने की आशंका अभी भी बनी हुई है। वह साधन संपन्न हैं।’’ खेडकर पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए अपने आवेदन में ‘गलत जानकारी प्रस्तुत करने’ का आरोप लगाया गया था। इनपुट भाषा
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