मध्य प्रदेश सभी 3600 शराब दुकानों की होगी जियो टैगिंग, गूगल मैप पर मिलेगी लोकेशन

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मध्य प्रदेश में शराब दुकानों की जियो टैगिंग शुरू हो गई है। भोपाल की दुकानों से इसकी शुरुआत हो गई है। जियो टैगिंग किए जाने से इनके आवंटन में किसी तरह का कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सकेगा। इससे दो दुकानों के बीच की दूरी आसानी से पता चल जाएगी।

By Prashant Pandey

Publish Date: Fri, 02 Aug 2024 07:47:34 AM (IST)

Updated Date: Fri, 02 Aug 2024 07:54:26 AM (IST)

मध्य प्रदेश सभी 3600 शराब दुकानों की होगी जियो टैगिंग, गूगल मैप पर मिलेगी लोकेशन
मध्य प्रदेश में शराब दुकानों की जियो टैगिंग से उनकी सही लोकेशन पता चलेगी। फाइल फोटो

HighLights

  1. शराब दुकान आवंटन के बाद लोकेशन को लेकर बड़ा खेल चलता आ रहा था।
  2. दुकानदार, अधिकारियों के साथ साठगांठ कर लोकेशन की रिपोर्ट गलत देते थे।
  3. परमिट के दौरान शराब की आवाजाही भी अधिकारी आसानी से देख सकेंगे।
मदनमोहन मालवीय, नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल(MP Liquor Shops)। आबकारी विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित हो रहीं 3600 शराब दुकानों की जियो टैगिंग कराई जाएगी। इससे इन सभी दुकानों की लोकेशन गूगल पर आसानी से मिल सकेगी।

इसके लिए संभागीय स्तर पर आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। अब ये अधिकारी और कर्मचारी फील्ड में जाकर शराब दुकानों की जियो टैगिंग कर रहे हैं। इससे आबकारी विभाग और लाइसेंसी ठेकेदारों को भी फायदा होगा।

भोपाल जिले में 87 दुकानों की हुई टैगिंग

इस प्रक्रिया की शुरुआत आबकारी अमले ने भोपाल जिले की सभी 87 शराब दुकानों से कर दी है। इस कार्य के लिए जिला सहायक आबकारी अधिकारी और अन्य अमले को जियो टैगिंग का प्रशिक्षण तक दिया जा रहा है।

प्रदेश की सभी तीन हजार 600 दुकानों की जियो टैगिंग किए जाने से इनके आवंटन में किसी तरह का कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सकेगा। दरअसल, अब तक शराब दुकान आवंटन के बाद लोकेशन को लेकर बड़ा खेल चलता आ रहा था। शराब दुकानदार, आबकारी अधिकारियों के साथ साठगांठ कर लोकेशन की रिपोर्ट गलत दे देते थे।

नियमों का नहीं हो रहा पालन

इससे मंदिरों और स्कूलों से शराब की दुकानों को दूर रखने के नियम और कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही थी। इसका खामियाजा धार्मिक स्थलों पर आने वाले धर्मावलंबियों और स्कूली छात्रों को भुगतना पड़ता था।

संदिग्ध गतिविधियों पर लगेगा अंकुश

विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जियो टैगिंग से दो दुकानों के बीच की दूरी सहजता से पता चल जाएगी। परमिट के दौरान शराब की आवाजाही भी विभागीय अधिकारी आसानी से देख सकेंगे। अभी इतनी सख्ती के बावजूद कई लाइसेंसी ठेकेदार इसमें गड़बड़ी करने का प्रयास करते हैं, इससे उनकी संदिग्ध गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लग सकेगा।

इसके अलावा आबकारी अफसरों पर यह आरोप भी लगते रहे हैं कि शराब दुकानें धार्मिक स्थल और शैक्षणिक संस्थाओं के पास खोल दी गई है। उनका कहना है कि जियो टैगिंग के माध्यम से आसपास की लोकेशन को देखा जाएगा।

जियो टैगिंग का काम शुरू कर दिया

मध्य प्रदेश की सभी शराब दुकानों की जियो टैगिंग का काम शुरू कर दिया गया है। इससे यह पता चल जाएगा की शराब दुकान के पास कोई धार्मिक या शैक्षणिक संस्थान तो नहीं है। इसके अलावा मैदानी अमले पर भी नजर रखी जा सकेगी कि वह दुकान पर निरीक्षण करने पहुंचा है या नहीं। – दीपम रायचुरा, सहायक आबकारी आयुक्त

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