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असलम ने 7 सितंबर 2022 को अपने साथियों के साथ फर्जी एग्रीमेंट के जरिए करोड़ों की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी। उन्होंने जमीन के मालिक आदिल रजा से कब्जे को छोड़ने के बदले दो करोड़ की रंगदारी मांगी थी। उनके खिलाफ 2022 से एमपी-एमएलए कोर्ट में केस चल रहा था। पिछले साल तीन सितंबर को पुलिस कमिश्नर ने मामले का संज्ञान लेकर रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके आधार पर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। पूर्व विधायक असलम चौधरी, उनके साथी जुनैद टाटा और जुबेर टाटा के खिलाफ अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया था।
असलम चौधरी ने 12 बीघे जमीन का फर्जी एग्रीमेंट बनाकर वाद दाखिल किया था। 7 जुलाई 2022 को असलम चौधरी ने अपने बेटे शाहनवाज और तीन साथियों के साथ मौके पर पहुंचकर जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी। इसकी सूचना मिलने पर जमीन के मालिक आदिल राजा ने विरोध किया। असलम चौधरी और उनके बेटे शाहनवाज पर आरोप है कि उन्होंने आदिल राजा और उनके परिवार के लोगों को जान से मारने की धमकी दी, साथ ही दो करोड़ रुपये की रंगदारी की मांग भी की। पुलिस के मौके से पहुंचने से पहले असलम चौधरी अपने साथियों के साथ फरार हो गए। पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गया था। इसके बाद पुलिस आयुक्त में मामले में हस्तक्षेप करते हुए असलम चौधरी और उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
मसूरी पुलिस ने रविवार को धौलाना के पूर्व विधायक असलम चौधरी को उत्तराखंड के रुड़की से गिरफ्तार कर लिया है। असलम चौधरी बसपा से विधायक निर्वाचित हुए थे। बाद में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। पिछला विधानसभा चुनाव वह समाजवादी पार्टी से लड़े थे। उन्हें सोमवार को स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा।
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