वीडियो गेम को बताया था मौत का कारण, अपना ही आदेश किया रद

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महाप्रबंधक के इस आदेश की चर्चा न केवल एसईसीएल बल्कि पूरे कोल इंडिया में शुरू हो गई थी। आंदोलन तक नौबत आती या और भी किसी तरह की बात बिगड़ती इससे पहले स्थिति को शीर्ष अधिकारी भांप गए बताया जा रहा कि कोल इंडिया के चेयरमैन व एसईसीएल के सीएमडी ने हस्तक्षेप किया, उसके बाद महाप्रबंधक सिंह अपना ही आदेश निरस्त करने मजबूर हुए।

By Suresh kumar Dewangan

Publish Date: Fri, 02 Aug 2024 12:33:53 AM (IST)

Updated Date: Fri, 02 Aug 2024 12:33:53 AM (IST)

वीडियो गेम को बताया था मौत का कारण, अपना ही आदेश किया रद

HighLights

  1. एसईसीएल की कुसमुंडा कोयला खदान में लैंडस्लाइड का मामला
  2. मृतक पर ही घटना के दौरान वीडिया गेम खेलने का लगाया था आरोप
  3. 48 घंटे के अंदर आदेश को निरस्त करना पड़ा है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा: कोल इंडिया से संबद्ध कंपनी (एसईसीएल) की कुसमंडा खदान में जल सैलाब की चपेट में आने से सहायक प्रबंधक (खनन) जितेंद्र नागरकर की मौत हो गई थी। मोबाइल पर वीडियो गेम खेलने की लापरवाही की वजह से मौत बताते हुए महाप्रबंधक (जीएम) कुसमुंडा राजीव सिंह ने मोबाइल में सक्रियता नहीं रखने का आदेश जारी कर दिया था। प्रबंधन अपना दोष छुपाने मृतक नागरकर पर ही दोष मढ़कर पल्ला झाड़ने की इस कोशिश से कोयला कामगार नाराज हो गए। इसकी वजह से 48 घंटे के अंदर आदेश को निरस्त करना पड़ा है।

27 जुलाई को खदान में तेज वर्षा के बीच ओवर बर्डन में पानी के ओवर फ्लो होने के कारण लैंडस्लाइड की घटना हुई थी। इसमें नागरकर बह गए थे और उनकी मौत हो गई थी। 29 जुलाई के आदेश में कहा गया था कि दुर्घटना की जांच में पता चला कि भारी वर्षा के समय सहायक प्रबंधक मोबाइल पर गेम खेल रहे थे। गुमटी में मौजूद लोगों ने उनसे बार-बार स्थिति के भयावह होने की चेतावनी दी, लेकिन उन्होने ध्यान नहीं दिया और गेम खेलना जारी रखा, जिसके परिणामस्वरूप खतरनाक घटना घटी और मृत्यु हो गई। जांच से प्राप्त निष्कर्षों और तथ्यों के मद्देनजर, फील्ड, वर्कशाप और कार्यालयों में काम करने वाले सभी सहायक प्रबंधकों, पर्यवेक्षकों और कर्मचारियों को निर्देशित किया जाता है कि वे कार्यस्थल पर मोबाइल पर गेम खेलने से बचें और अपने काम के प्रति सजग और गंभीर रहें। मोबाइल पर गेम खेलने के संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। यह आदेश विभागीय कर्मचारियों को नागवार गुजरा। उनका कहना है कि लाइव वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित है। इसमें स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, किस तरह से पानी के सैलाब में फांसी टीम जान बचाने की जद्दोजहद कर रही है। ऐसे में वीडियो गेम भला कोई कैसे खेल सकता है। इसके बाद बैक फुट में आए महाप्रबंधक सिंह ने एक और आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया है कि जांच के दौरान फ्रंट लाइन सुपरवाइजर के बयान के आधार पर इस कार्यालय से पूर्व में जारी किए गए आदेश को वापस लिया जाता है, इसे अमान्य माना जाए।

उस दिन हुई थी ये घटना

27 जुलाई को साढ़े चार बजे एसईसीएल कुसमुंडा खदान में वर्षा से बचने खदान क्षेत्र में स्थित एक लोहे की बनी गुमटी में नागरकर समेत छह लोग रूके थे। वर्षा के नहीं थमने पर सभी ने यहां से निकलने की सोची। सभी एक दूसरे का हाथ थाम किसी तरह पानी के सैलाब से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे, इसी बीच ओवर बर्डन की मिट्टी तेजी से बहकर नीचे की ओर आने लगी। वे इसकी चपेट में आ गए। पांच लोग किसी तरह मलबे के बहाव से बाहर निकल आए, लेकिन नागरकर ओवर बर्डन के मलबे में बह गए। दूसरे दिन सुबह 28 जुलाई को खदान के ही संप के पानी की सतह में उनकी लाश मिली।

पहले भी दे चुके थे बेतुका बयान

इस घटना के बाद से ही एसईसील प्रबंधन सुरक्षा में हुई चूक पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। पहले महाप्रबंधक सिंह ने यह कहा कि नागरकर शिफ्ट इंचार्ज थे और अधिक वर्षा की वजह से गहरे कार्य स्थल पर नहीं जाना चाहिए था, यदि चले भी गए थे तो मौसम बिगड़ने के पहले लाैट आना था। उन्होने यहां तक दावा किया था कि मैने उन्हे मोबाइल से संपर्क कर वापस लौटने की सलाह दी थी, पर अमल करने की जगह गुमटी में पूरी टीम के साथ रूक गए। इस बेतुके बयान के बाद उन्होने वीडियो गेम खेलने वाला आदेश जारी कर दिया। पहले से ही कामगार बेहद नाराज थे और यह आग में घी डालने जैसा साबित हुआ।

चेयरमैन व सीएमडी को करना पड़ा हस्तक्षेप

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