ड्रोन खरीदने के लिए किसानों को सरकार देगी पैसा और मुफ्त ट्रेनिंग, जान लें नियम

[ad_1]

मधुबनी. बिहार सरकार ने कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सरकार किसानों को ड्रोन की खरीद पर बड़ी सब्सिडी देगी ताकि कृषि में इसका इस्तेमाल कर उत्पादन बढ़ाया जा सके.

इस योजना के अन्तर्गत, बिहार सरकार ड्रोन की खरीद पर 60% अनुदान देगी. अनुदान की राशि अधिकतम 3.65 लाख रुपये तक हो सकती है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच इसमें योगदान 60% और 40% का होगा. इसके साथ ही, जिन किसानों को इसका लाभ दिया जाएगा उन्हें ड्रोन पायलट सर्टिफिकेट के लिए बिलकुल मुफ्त में ट्रेनिंग भी दी जाएगी.

बिलकुल मुफ्त ट्रेनिंग
किसानों को ड्रोन के लिए अनुदान और ट्रेनिंग देने के पीछे यही मकसद है कि इससे खेतों में कीटनाशक और खाद का आसानी और ज्यादा अच्छे तरीके से छिड़काव किया जा सके. इससे खेती बढ़ेगी. यह योजना बिहार के कृषि सेक्टर में तकनीकी उन्नति और आर्थिक स्थिरता बढ़ाने में मदद करेगी.

ड्रोन के लिए 4 करोड़ रुपए
कृषि विभाग ने फिलहाल सभी 101 अनुमंडल में  ड्रोन खरीदने के  नियम तय कर दिए हैं. किसानों का चयन जिला स्तर पर किया जाएगा. तत्काल अनुदान के लिए 4 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. कृषि विभाग के अनुसार ड्रोन से कीटनाशक और खाद छिड़काव से 30 से 35 परसेंट फसल सुरक्षित रखी जा सकेगी.

आप भी खरीद सकते हैं ड्रोन
चुने गए किसानों को ड्रोन पायलट सर्टिफिकेट के लिए डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, बिहार कृषि विश्वविद्यालय में ट्रेनिंग दी जाएगी. इसका खर्चा कृषि विभाग उठाएगा. किसान के अलावा एफपीओ, कृषि यंत्र बैंक संचालक संस्था, एसएचजी, एनजीओ, लाइसेंसधारी खाद-बीज विक्रेता दुकानदार, निजी कंपनी और पंजीकृत संस्था भी ड्रोन खरीद अनुदान के लिए एप्लाई कर सकते हैं. ड्रोन खरीदने के लिए किसान मोलभाव भी कर सकते हैं. जो लोग ड्रोन खरीदेंगे उन्हें इसका भुगतान सीधे उनके खाते में किया जाएगा. जिस कंपनी से ड्रोन खरीदा जाएगा उसकी पूरी जानकारी कृषि विभाग को देना होगी.

Tags: Local18, Madhubani news

[ad_2]

Source link


Discover more from सच्चा दोस्त न्यूज़

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

Back To Top

Discover more from सच्चा दोस्त न्यूज़

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading