[ad_1]
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि यह फैसला बिल्कुल सही नहीं है। इसमें कुछ न कुछ बदलाव लाना चाहिए। बिहार में नीतीश कुमार सरकार पिछले 18 साल से कांवड़ियों के लिए लगातार काम कर रही है, ताकि उनको रास्ते में कोई समस्या नहीं हो। उन्होंने कहा कि कांवड़ियों की यात्रा तपस्या की तरह है। कांवड़ियों के लिए किसी भी समुदाय, जाति के लोग मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं, ताकि उन्हें भी महादेव का आशीर्वाद मिल जाए।
यूपी सरकार ने जो परंपरा शुरू की है, उससे दो समुदाय और जाति के बीच भी भेदभाव होगा। लोग कहेंगे कि यह अति पिछड़ा है, यह दलित है, इससे हम कुछ नहीं लेंगे। यह परंपरा सही नहीं है, क्योंकि इससे भेदभाव बढ़ेंगे। अभी सब लोग यही मानते हैं कि कांवड़ियों की मदद करने से सबको पुण्य मिलेगा। राजीव रंजन ने कहा कि यह कानून 2006 में मुलायम सिंह यादव ने ही बनाया था, लेकिन, यह आज तक लागू नहीं हुआ था।
यह हैरानी की बात है कि मुलायम सिंह का बनाया हुआ कानून अब लागू हो रहा है। आज अखिलेश यादव खुद इस कानून के विरोध में खड़े हो गए हैं। यानी, वहां भी इस कानून को लेकर विरोध है। उस वक्त 2005 में यूपीए सरकार की सहमति से यह हुआ था। राजीव रंजन ने कहा कि हम यूपी सरकार से सिर्फ इतना अनुरोध करेंगे कि इस पर दोबारा विचार किया जाए। जो जनता कहती है, उसके अनुसार काम करें। सबसे अच्छा यही होगा कि बिहार की तरह कुछ निश्चित नियमों को अपना लिया जाए।
[ad_2]
Source link
Discover more from सच्चा दोस्त न्यूज़
Subscribe to get the latest posts sent to your email.