Surya-Chandra Grahan: सूरज के बाद शनि पर ग्रहण लगाएगा चंद्रमा, अक्टूबर में दिखेंगे दो खगोलीय नजारे

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इस बार सूर्य और चंद्रग्रहण अक्टूबर माह में दिखाई देंगे। चंद्रग्रहण के साथ ही शनि चंद्रग्रहण की घटना भी दिखाई देगी। इस दौरान चंद्रमा शनि को कवर कर लेगा और कुछ समय के लिए शनि पृथ्वी से ओझल हो जाएगा और कुछ देकर बाद चंद्रमा के पीछे की ओर से बाहर निकलता दिखाई देगा।

By Bharat Mandhanya

Publish Date: Sun, 04 Aug 2024 02:19:22 PM (IST)

Updated Date: Sun, 04 Aug 2024 02:19:22 PM (IST)

Surya-Chandra Grahan: सूरज के बाद शनि पर ग्रहण लगाएगा चंद्रमा, अक्टूबर में दिखेंगे दो खगोलीय नजारे
अक्‍टूबर में होंगे सूर्य और चंद्रग्रहण।

HighLights

  1. दो अक्टूबर को दिखाई देगा सूर्यग्रहण
  2. चंद्रग्रहण 14 अक्टूबर को दिखाई देगा
  3. भारत में नहीं दिखेगा सूर्यग्रहण का नजारा
धर्म डेस्क, इंदौर Surya-Chandra Grahan। हिंदू धर्म में चंद्र और सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है। खगोलीय लिहाज से भी यह सौरमंडल की प्रमुख घटनाएं मानी जाती है। चंद्र जब सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तो, इस घटना को सूर्यग्रहण कहा जाता है। जब पृथ्‍वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है औ सूर्य का प्रकाश चंद्रमा पर नहीं पड़ता, तो इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है।

कब थे सूर्य और चंद्र ग्रहण

इस वर्ष पहला सूर्यग्रहण 8 अप्रैल को लगा था, जबकि चंद्रग्रहण 24 जुलाई को देखा गया था। इसे शनि चंद्रग्रहण कहा गया था, क्योंकि शनि चंद्रमा के पीछे से निकला था।

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कब दिखाई देंगे सूर्य और चंद्रग्रहण

सूर्य ग्रहण

इस वर्ष का दूसरा सूर्यग्रहण दो अक्टूबर को दिखाई देगा। इस ग्रहण की अवधि 6 घंटे की होगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन अश्विन मास की अमावस्या तिथि है। सूर्यग्रहण रात 9 बजकर 13 मिनट से शुरू होने वाला सूर्य ग्रहण मध्य रात्रि 3 बजकर 17 मिनट तक रहेगा।

भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा। जबकि, अर्जेंटीना, ब्राजील, पेरू, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, फिजी और चिली में पूर्ण रूप से ग्रहण देखा जा सकेगा।

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चंद्रग्रहण

साल का दूसरा चंद्रग्रहण 14 अक्टूबर को दिखाई देगा। इस दिन शनि चंद्रमा के पीछे से निकलता हुआ दिखाई देगा। शनि और चंद्रमा जब अपनी चाल चलते हुए जब रास्ता बदलते हैं तो इस तरह की घटना दिखाई देती है। चंद्रग्रहण की शुरुआत रात करीब 9 बजकर 30 मिनट पर होगी।

इस दौरान चंद्र 11 बजकर 57 मिनट शनि ग्रह को भी कवर कर लेगा और कुछ देर के लिए शनि पृथ्‍वी से दिखाई नहीं देगा। सामान्य भाषा में शनि चंद्रग्रहण और खगोल विज्ञान में इसे लुनार आकल्‍टेशन ऑफ सेटर्न कहा जाता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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