Shravani Mela: देवघर में बाबा से पहले मां काली की पूजा की परंपरा, नाचते-झूमते बाबानगरी आ रहे कांवरिये

[ad_1]

Shravani Mela: बारह ज्योतिर्लिंगों में बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की महत्ता अलग है. यहां पर बाबा माता सती के साथ विराजमान हैं. यहां बाबा से पहले शक्ति की पूजा की प्रधानता है. मान्यता है कि बाबा के साथ शक्ति की पूजा करने से यहां बाबा की कृपा और शक्ति से ऊर्जा दोनों की प्राप्ति होती है.

कोरोना काल के बाद पहली बार श्रावणी मेला परवान पर

कोरोना के बाद पहली बार श्रावणी मेला पूरी तरह से परवान पर है. इसलिए कांवरिया बाबा के अलावा मां पार्वती और काली के मंदिर में पूजा करना नहीं भूलते हैं. इसका जिक्र सुल्तानगंज में जल संकल्प के दौरान भी किया जाता है. जल संकल्प के दौरान बाबा बैद्यनाथ भैरव एवं काली का उच्चारण होता है.

बाबा पर जल चढ़ाने के बाद माता के मंदिर में जाते हैं कांवरिये

बाबा मंदिर में कांवरिये बाबा की पूजा-अर्चना करने के बाद माता के मंदिर में जलार्पण करने के लिए कतार में घंटों खड़े रहते हैं. इसका मुख्य कारण यही है. उसके बाद मां काली के मंदिर में भी कांवरियों की काफी भीड़ होती है. इसका उदाहरण बाबा मंदिर में हर दिन देखने को मिलता है.

बाबा मंदिर से पहले खुलता है मां काली का पट

चली आ रही परंपरा के अनुसार, बाबा मंदिर का पट खुलने के पूर्व शक्ति की मंदिर मां काली का पट खोला जाता है. सबसे पहले यहां पूजा होती है, तब बाबा का पट खोलकर पूजा करने की परंपरा का निर्वहन किया जाता है.

शिवलोक : प्रदर्शनी में भव्यता व भक्ति का संगम

देवघर जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के तत्वावधान में शिवलोक में प्रदर्शनी के माध्यम से भगवान शिव का इतिहास, शिव महिमा, कथाओं का वाचन व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, ताकि बाबा नगरी आने वाले श्रद्धालुओं/कांवरियों को शिव कथा, बाबा मंदिर का इतिहास, शिव तांडव, देवघर का इतिहास व अन्य विषयों की जानकारी प्राप्त कर सकें.

त्रिलोक दर्शन आकर्षण का केंद्र

शिवलोक परिसर में पीआरडी ने त्रिलोक दर्शन की जीवंत प्रदर्शनी लगायी है. यहां बाबा मंदिर का दिव्य प्रारूप, झारखंड के सांस्कृतिक रंगरूप के अलावा त्रिलोक का दर्शन और आकाश, पाताल लोक के साथ-साथ पृथ्वी लोक को दर्शाया गया है. इसमें प्रकृति से प्रेम भाव को दर्शाते हुए झारखंड से प्रकृति पर्व की महत्ता को बताने का प्रयास किया है.

शिवलोक धाम में है बाबा बैद्यनाथ के मंदिर का भव्य प्रारूप

शिवलोक के मध्य में बैद्यनाथ मंदिर का दिव्य प्रारूप बनाया गया है. झारखंड में मनाये जाने वाले कर्मा, सरहुल, बंधना, बट सावित्री पूजा जैसे पर्व-त्योहार के स्टॉल लगाये गये हैं. इसके अलावा शिवलोक के मुख्य मंच के पीछे दीवार पर श्रद्धालुओं को समुद्र मंथन का दृश्य देखने को मिल रहा है. वहीं समुद्र में मंथन के पश्चात अपार द्रव्य, संपत्ति, देवी आदि भगवान नारायण ने देवराज इंद्र को खोया हुआ उनका एरावत हाथी, सप्त ऋषियों को अनुरोध कर उन्हें कामधेनु गाय आदि का प्रारूप बनाया गया है.

देवघर में गूंज रही कांवर में लगे घुंघरू और घंटी की झंकार

बारिश का आनंद लेते हुए कांवरिये नाचते-झूमते तेजी से बाबानगरी पहुंच रहे हैं. शिवगंगा से लेकर कांवरिया पथ तक कांवर में लगे घुंघरू एवं घंटी की झंकार गूंज रही है. हर दिन कांवरियों की भीड़ बढ़ती जा रही है. बाबा मंदिर का पट खुलने के पहले ही जलार्पण के लिए लगी कतार करीब चार-पांच किमी दूर बीएड कॉलेज तक पहुंच जाती है.

Also Read

Shravani Mela: बाबा ने सब कुछ दिया, इसलिए आते हैं इनके दरबार, देवघर में कांवरियों ने बताई कांवर उठाने की कहानी

तीसरी सोमवारी कल, बाबाधाम में भारी भीड़ उमड़ने की संभावना, प्रशासन ने बढ़ायी व्यवस्था

[ad_2]

Source link


Discover more from सच्चा दोस्त न्यूज़

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

Back To Top

Discover more from सच्चा दोस्त न्यूज़

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading