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इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने एएनआई से बातचीत में कहा कि, “चंद्रयान-3 ने अच्छा काम किया”. गगनयान की तैयारियां चल रही हैं,इसे इसी साल दिसंबर में लॉन्च किया जाना है, इसके लिए कई जगहों पर तैयारियां की जा रही हैं”.
ISRO: गगनयान मिशन
गगनयान मिशन, भारत की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान मिशन है, जिसका उद्देश्य 4 अंतरिक्ष यात्रियों को सात दिनों तक 400 किलोमीटर की निचली-पृथ्वी कक्षा में भेजना है. इस मिशन में कई परीक्षण उड़ानें शामिल होंगी, जिसमें 2024 में एक मानवरहित मिशन और उसके अगले साल पहली मानवयुक्त उड़ान शामिल है. इसरो अन्य देशों से इसे प्राप्त करने में विफल रहने के बाद मिशन के लिए अपना स्वयं का पर्यावरण नियंत्रण और जीवन समर्थन प्रणाली (ईसीएलएसएस) विकसित करने पर भी काम कर रहा है.
गगनयान मिशन का उद्देश्य तीन सदस्यों वाले चालक दल को पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में प्रक्षेपित करके तथा एक सप्ताह तक चलने वाले मिशन के बाद उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करना है. इस मिशन को इसरो के मानव-रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3) का उपयोग करके प्रक्षेपित किया जाएगा, जिसे मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए कठोर सुरक्षा और विश्वसनीयता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विशेष रूप से पुनर्गठित किया गया है.
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अन्य परियोजनाएं
इसरो गगनयान प्रक्षेपण के लिए तैयारियों के साथ-साथ कई अन्य उच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाओं पर भी काम कर रही है, जिनमें नासा के साथ साझेदारी में निसार उपग्रह मिशन, आगामी चंद्रयान-4 मिशन के लिए अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग (स्पेडेक्स), तथा 2035 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की दीर्घकालिक योजना शामिल है।
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