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1 जुलाई से देश में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और साक्ष्य अधिनियम की जगह ले ली। यह प्रस्ताव वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य और टीएमसी सदस्य निर्मल घोष और अशोक कुमार देब ने भी पेश किया। इसका पार्टी के विधायक अपूर्बा सारका, एमडी अली और पन्नालाल हलदर ने समर्थन किया।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने इन तीनों कानूनों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है। 1 जुलाई से देश में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और साक्ष्य अधिनियम की जगह ले ली। यह प्रस्ताव वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य और टीएमसी सदस्य निर्मल घोष और अशोक कुमार देब ने भी पेश किया। इसका पार्टी के विधायक अपूर्बा सारका, एमडी अली और पन्नालाल हलदर ने समर्थन किया।
इस प्रस्ताव का भाजपा सदस्यों ने विरोध किया। बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुभेंदु अधिकारी ने कहा, ”संकल्प लाने से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, यह इन कानूनों को नहीं रोक सकता। मैं अवैध प्रवास, लव जिहाद और एनआरसी के लिए राज्य विधानसभा में एक कानून लाने का सुझाव दूंगा।
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