महानगर में स्क्रब टाइफस की स्थिति चिंतनीय नहीं

[ad_1]

कोलकाता.

महानगर में स्क्रब टाइफस के मामलों में पिछले साल की तुलना में हल्की वृद्धि हुई है, लेकिन स्थिति चिंताजनक नहीं है. यह जानकारी गुरुवार को राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी. राज्य सरकार द्वारा संचालित बीसी रॉय पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ पीडियाट्रिक साइंसेज में कुछ बच्चे भर्ती हैं. इनमें से दो का इलाज इंटेंसिव केयर यूनिट में चल रहा है. अधिकारी ने कहा कि शहर के निजी अस्पतालों में भी उक्त बीमारी के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या में हल्की वृद्धि देखी जा रही है. एक निजी अस्पताल के अधिकारी ने कहा कि हम हर महीने कम से कम पांच से छह मरीज देख रहे हैं. कुछ मामलों में कई अंग प्रभावित होते हैं. इस समय हमारे अस्पताल में 20 से अधिक स्क्रब टाइफस से पीड़ित मरीज भर्ती हैं.

क्या कहना है स्वास्थ्य विभाग का

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अनुसार, “ हम स्क्रब टाइफस संक्रमण की रिपोर्ट प्राप्त कर रहे हैं. पिछले साल की तुलना में इस साल मामलों की संख्या थोड़ी अधिक दिख रही है. लेकिन स्थिति चिंताजनक नहीं है. विभाग इस मामले पर नजर रखे हुए है. वहीं, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ और आइसीएच निदेशक डॉ अपूर्वा घोष ने बताया कि हमें मामले मिलते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई बढ़ोतरी है. मामलों की संख्या में वृद्धि मुख्य रूप से कई प्रयोगशालाओं द्वारा गलत परीक्षण करने के कारण है. डॉ घोष ने कहा कि गंभीर बीमारी वाले लोगों में अंग विफलता और रक्तस्राव विकसित हो सकते हैं. इन्हें यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाये तो घातक हो सकता है.

क्या है स्क्रब टाइफस

स्क्रब टाइफस एक बैक्टीरियल बीमारी है, जो संक्रमित चिगर्स (माइट लार्वा) के काटने से लोगों, खासकर बच्चों में फैलती है. बीमारी के सामान्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द और शरीर में दर्द शामिल हैं. स्क्रब टाइफस के मामले आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में पाये जाते हैं, मुख्य रूप से जुलाई से सितंबर के दौरान, विशेष रूप से मॉनसून या पोस्ट-मानसून अवधि में, जब माइट लार्वा की बहुतायत होती है. यह संक्रमण, एक-14 वर्ष की उम्र के बच्चों में अधिक रिपोर्ट किया गया है. यह फेफड़े, जिगर, गुर्दे और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र जैसे अंगों को प्रभावित करता है. इससे तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम, हेपेटाइटिस और तीव्र गुर्दा की चोट जैसी गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

[ad_2]

Source link


Discover more from सच्चा दोस्त न्यूज़

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

Back To Top

Discover more from सच्चा दोस्त न्यूज़

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading