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नेशनल रैली मुस्लिम समुदाय की विरोधी मानी जाती है
‘नेशनल रैली’ का नस्लवाद और यहूदी-विरोधी भावना से पुराना संबंध है और यह फ्रांस के मुस्लिम समुदाय की विरोधी मानी जाती है. देश में 4.95 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं जो फ्रांस की संसद के प्रभावशाली निचले सदन नेशनल असेंबली के 577 सदस्यों को चुनेंगे.
मरीन ले पेन और जॉर्डन बार्डेला ने फ्रांस की जनता से कर दिया है ऐसा वादा
चुनाव में मरीन ले पेन और उनके उत्तराधिकारी जॉर्डन बार्डेला ने फ्रांस की जनता से वादा किया है कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो वो दोहरी नागरिकता वाले लोगों को सरकारी पद से हटा देंगे. इसके अलावा पेन ने सार्वजनिक स्थानों में हिजाब पर पाबंदी लगाने की बात भी कह चुकी हैं. छात्रों में इस बात को लेकी काफी चिंता है. एक छात्रा ने कहा कि वो फ्रांस में जन्मी हैं, लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा की इस्लाम इतनी बड़ी परेशानी बन जाएगी. जॉर्डन बार्डेला फ्रांस फर्स्ट की बात करते हैं. जिससे फ्रांस के पड़ोसी देशों में खलबली मची हुई है.
फ्रांसीसी मतदाता महंगाई और आर्थिक चिंताओं से परेशान
अनेक फ्रांसीसी मतदाता महंगाई और आर्थिक चिंताओं से परेशान हैं. वे राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के नेतृत्व से भी निराश हैं. मरीन ले पेन की आव्रजन विरोधी ‘नेशनल रैली’ पार्टी ने इस असंतोष को चुनाव में भुनाया है और उसे विशेष रूप से ‘टिकटॉक’ जैसे ऑनलाइन मंचों के जरिए हवा दी है. चुनाव पूर्व सभी जनमत सर्वेक्षणों में ‘नेशनल रैली’ की जीत का अनुमान जताया गया है.
फ्रांस की धुर दक्षिणपंथी पार्टी ने कहा – स्पष्ट बहुमत मिलने पर ही वह सरकार का नेतृत्व करेगी
फ्रांस की धुर दक्षिणपंथी पार्टी ‘नेशनल रैली’ की नेता मरीन ले पेन ने मंगलवार को कहा कि उनका दल रविवार को होने वाले दूसरे दौर के चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद ही सरकार का नेतृत्व करेगा. पेन ने सरकारी प्रसारक ‘फ्रांस इंटर’ के साथ मंगलवार को कहा, अगर हम काम नहीं कर सकते तो हम सरकार में जाना स्वीकार नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा, यह हमारे मतदाताओं के साथ विश्वासघात होगा.
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