Prabhasakshi Exclusive: Italian PM Giorgia Meloni आखिर China के करीब क्यों जा रही हैं, क्या PM Modi से है कोई नाराजगी?

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प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि इटली की प्रधानमंत्री ने चीन के साथ अपने देश के संबंध सुधारने का जो ऐलान किया है उसके क्या मायने हैं? उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के संबंधों में आये सुधार को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद जॉर्जिया मेलोनी चीन की पहली यात्रा पर गईं जहां उनकी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत तमाम वरिष्ठ मंत्रियों और बिजनेस लीडर्स से बात हुई। उन्होंने कहा कि व्यापार एक ऐसा विषय है जोकि दोनों देशों को एक बार फिर करीब लाया है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी ने बीजिंग की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान तीन साल की कार्य योजना पर हस्ताक्षर करते हुए चीन के साथ सहयोग को “पुनः शुरू” करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि मेलोनी 2022 से इटली की दक्षिणपंथी सरकार का नेतृत्व कर रही हैं। उन्होंने जिस तरह से चीन की बीआरआई परियोजना से बाहर होने का ऐलान किया था उससे दोनों देशों के संबंध खराब हो गये थे। उन्होंने कहा कि अब इतालवी प्रधानमंत्री ने चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग के साथ एक बैठक के दौरान बड़ी घोषणा कर दोनों देशों के संबंधों को नये मुकाम पर ले जाने का ऐलान किया है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इतालवी प्रधानमंत्री की पांच दिवसीय चीन यात्रा दोनों देशों के द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि मेलोनी का चीन में दिया गया संबोधन दर्शाता है कि वह वाकई चीन के साथ अच्छे संबंध बनाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच जो समझौता हुआ है उसका लक्ष्य सहयोग के नये रास्ते तलाशना भी है। उन्होंने कहा कि साथ ही इटली और चीन द्वारा हस्ताक्षरित औद्योगिक सहयोग समझौते में विद्युत गतिशीलता और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे रणनीतिक औद्योगिक क्षेत्र भी शामिल हैं।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग के कार्यालय से जारी बयान से पता चलता है कि “जहाज निर्माण, एयरोस्पेस, नई ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मध्यम आकार के उद्यमों” के बीच पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग की दिशा में काम करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इतालवी प्रधानमंत्री मेलोनी चाहती हैं कि चीनी निवेश इटली की कमजोर आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दे। उन्होंने कहा कि मेलोनी ने अपनी चीन यात्रा के दौरान इटली-चीन व्यापार मंच में भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि इसमें इतालवी टायर निर्माता पिरेली, ऊर्जा समूह ईएनआई, रक्षा समूह लियोनार्डो, शराब उत्पादक और डोल्से तथा गब्बाना जैसे कई इतालवी लक्जरी फैशन समूहों सहित विभिन्न कंपनियों को आमंत्रित किया गया था।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि 2019 में इटली बेल्ट एंड रोड पहल में शामिल होने वाले सात देशों का एकमात्र समूह बन गया था लेकिन बीजिंग की आर्थिक पहुंच के बारे में चिंताओं पर अमेरिकी दबाव के तहत पिछले साल वह इससे पीछे हट गया था। उन्होंने कहा कि मेलोनी की सरकार ने कहा था कि इस सौदे से इटली को कोई लाभ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मेलोनी की इस यात्रा के बारे में चीनी मीडिया में आया है कि उनकी यात्रा का उद्देश्य बेल्ट एंड रोड से इटली के बाहर जाने के मुद्दे पर “कुछ गलतफहमियों को स्पष्ट करना” और आर्थिक संबंधों के महत्व पर जोर देना था। उन्होंने कहा कि चीन में इतालवी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कुल 15 बिलियन यूरो ($16 बिलियन) है और 1,600 से अधिक इतालवी कंपनियाँ चीन में सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि इतालवी कंपनियां विशेष रूप से कपड़ा, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, फार्मास्यूटिकल्स, ऊर्जा और भारी उद्योग के क्षेत्र में कार्यरत हैं।

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