[ad_1]
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि दूसरी ओर इजराइल ने अब तक इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इज़रायली मीडिया ने बताया है कि मंत्रियों और अधिकारियों से कहा गया है कि वे हानियेह की हत्या पर टिप्पणी न करें।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि दूसरी ओर इजराइल ने अब तक इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इज़रायली मीडिया ने बताया है कि मंत्रियों और अधिकारियों से कहा गया है कि वे हानियेह की हत्या पर टिप्पणी न करें। उन्होंने कहा कि एक चीज साफतौर पर दिख रही है कि इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का हाल का अमेरिकी दौरा सिर्फ आर्थिक या सैन्य मदद के लिए नहीं हुआ होगा। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि इस यात्रा के दौरान ईरान में ऑपरेशन को अंजाम देने में सीआईए की मदद हासिल की गयी हो। उन्होंने कहा कि ऐसे बड़े ऑपरेशनों में सर्वोच्च स्तर की गोपनीयता बरती जाती है इसलिए इजराइली प्रधानमंत्री वहां गये थे। उन्होंने कहा कि ईरान के राष्ट्रपति जिस हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गये थे उस पर भी कई सवाल हैं। इसके पहले ईरान के सैन्य कमांडर को अमेरिका उड़ा ही चुका है। उन्होंने कहा कि इस्माइल हानियेह कतर में रहता था यह बात इजराइल को पता थी लेकिन उसे ईरान में मारने का फैसला कर तेहरान को कड़ा संदेश दे दिया गया है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि ईरान ने जिस तरह का गुस्सा दिखाया है उससे प्रदर्शित हो रहा है कि वह चुप तो नहीं बैठेगा लेकिन यह भी सही है कि उसके पास सीधी लड़ाई का विकल्प नहीं है। दरअसल ईरान का इजराइल के साथ बॉर्डर तो है नहीं। उसे इजराइल से लड़ाई लड़ने के लिए मिस्र या जॉर्डन से होकर जाना पड़ेगा जिसकी इजाजत उसे ये देश आसानी से देंगे नहीं। अगर उन्होंने ऐसा किया तो वह भी इस लड़ाई में शामिल माने जाएंगे जोकि उनके लिए नुकसानदेह होगा। उन्होंने कहा कि ईरान ने अगर इजराइल पर कोई हवाई हमला किया तो उसे उसका पलटवार भी झेलने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि ज्यादा संभावना यही है कि ईरान प्रॉक्सी वार लड़े। वह पहले की तरह हमास और हिज्बुल्लाह को मदद देता रहेगा ताकि इजराइल पर हमले करवाये जा सकें। इसके अलावा यह भी हो सकता है कि वह अल कायदा या आईएसआईएस को दोबारा पैरों पर खड़ा करके उन्हें इजराइल और अमेरिका पर हमले के लिए तैयार करे। उन्होंने कहा कि यह भी हो सकता है कि ईरान विदेशों में स्थित इजराइली दूतावासों या इजराइली नागरिकों पर हमले करवाये लेकिन अगर उसने ऐसा किया तो उसे इजराइल के पलटवार के साथ ही संबंधित देश की सरकार की नाराजगी भी झेलनी होगी। उन्होंने कहा कि तुरंत की स्थिति में देखें तो ईरान किसी बड़े हमले के लिए तैयार नहीं है लेकिन यह भी सही बात है कि उसने जो बदला लेने की कसम खाई है, वह उसे पूरा जरूर करेगा। उन्होंने कहा कि ईरान में घुसकर जो हमला किया गया है उससे वहां की सरकार को घरेलू स्तर पर कई सवालों से जूझना पड़ रहा है।
ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा हमें यह भी याद रखना चाहिए कि कुछ समय पहले जिस तरह ईरान ने पाकिस्तान पर मिसाइल हमला किया था तो उसे तगड़ा पलटवार मिला था। उसके बाद दोनों देशों ने बातचीत के माध्यम से रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि ईरान किसी बड़े युद्ध के लिए तैयार नहीं है।
अन्य न्यूज़
[ad_2]
Source link
Discover more from सच्चा दोस्त न्यूज़
Subscribe to get the latest posts sent to your email.