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न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इस टेस्ट को 45 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों के लिए अप्रूव किया है, जिन्हें कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा है. शील्ड नाम के इस ब्लड टेस्ट को अमेरिका की फार्मास्युटिकल कंपनी गार्डेंट हेल्थ ने तैयार किया है. इस साल की शुरुआत में क्लीनिकल ट्रायल में अच्छे परिणाम मिलने के बाद इस टेस्ट को अमेरिका में एफडीए से मंजूरी मिल गई है और लोगों के लिए अब कोलोरेक्टल कैंसर का टेस्ट कराना आसान हो जाएगा.
इस टेस्ट को तैयार करने वाली कंपनी का दावा है कि क्लीनिकल ट्रायल में इस ब्लड टेस्ट के जरिए 83% ऐसे लोगों में कोलन कैंसर डिटेक्ट हुआ, जिनमें कोई लक्षण नहीं दिख रहे थे. हालांकि इन लोगों को कोलन कैंसर का जोखिम था. जब इस टेस्ट के जरिए उनकी जांच की गई, तो कोलन कैंसर का पता चला. ऐसे में यह टेस्ट काफी प्रभावी साबित हो सकता है. फिलहाल इस टेस्ट की कीमत ज्यादा है, लेकिन भविष्य में इसकी कीमत कम होने की उम्मीद जताई जा रही है.
क्लीवलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट के अनुसार कोलन कैंसर कोलन यानी पाचन तंत्र के निचले हिस्से पर होता है. जब कोलन की लाइनिंग पर सेल्स अबनॉर्मल तरीके से बढ़ने लगती हैं, तब इसे कोलन कैंसर कहा जाता है. इस कैंसर का खतरा 50 साल से ज्यादा के लोगों को अधिक होता है और इसे डिटेक्ट करने के लिए स्क्रीनिंग करानी पड़ती है. अब ब्लड टेस्ट के जरिए ही इस कैंसर का पता लगाया जा सकेगा. नए टेस्ट को एफडीए से अप्रूवल मिलने पर हेल्थ एक्सपर्ट्स ने भी इसे महत्वपूर्ण कदम माना है. इसे अमेरिका में इसे मंजूरी मिल गई है और धीर-धीरे यह टेस्ट दुनियाभर में उपलब्ध हो सकता है.
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Tags: Health, Lifestyle, Trending news
FIRST PUBLISHED : August 1, 2024, 17:58 IST
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