
नई दिल्ली: भारतीय रुपया बुधवार को डॉलर के मुकाबले पहली बार 90 के पार चला गया। शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 90.14 तक गिर गया, जबकि मंगलवार को यह 89.9475 पर था।
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती और विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के कारण रुपये में लगातार कमजोरी देखी जा रही है। कंपनियों, आयातकों और विदेशी निवेशकों की ओर से डॉलर की मजबूत मांग ने रुपये पर दबाव बढ़ा दिया है।
बुधवार को रुपया 10 पैसे की गिरावट के साथ खुला। पिछले सत्र में यह 89.87 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था और आज सुबह 89.97 पर खुला। इसके बाद यह 90.14 तक गिर गया, जो कि रुपये के लिए ऑल-टाइम लो स्तर है।
जानकारों के मुताबिक, भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत रुकी हुई है और विदेशी निवेशकों की भारत से निकासी जारी है। यही कारण है कि डॉलर इंडेक्स कमजोर होने के बावजूद रुपये में गिरावट आ रही है।
एमपीसी बैठक पर नजर:
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज से शुरू हो रही है। फैसलों की घोषणा 5 दिसंबर को होगी। यदि इसमें रेट कट का फैसला होता है तो विदेशी निवेशकों की बिकवाली और बढ़ सकती है। अमेरिका का फेडरल रिजर्व भी 10 दिसंबर को अहम घोषणा करने वाला है, जो रुपये की चाल को प्रभावित कर सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी पूंजी की निकासी, आयातकों की मजबूत डॉलर मांग और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं रुपये की कमजोरी के मुख्य कारण हैं।