
जबलपुर, 18 मार्च।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से ओबीसी के होल्ड पदों पर नियुक्ति न होने को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि जब ओबीसी वर्ग के लिए पद आरक्षित हैं, तो अब तक उनकी नियुक्ति क्यों नहीं की गई? कोर्ट ने सरकार को इस मामले में तथ्यात्मक जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
क्या है मामला:
राज्य में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए आरक्षित कई पद वर्षों से खाली पड़े हैं। इन पदों को भरने के बजाय सरकार ने इन्हें होल्ड पर डाल दिया। इससे ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को नियुक्ति का लाभ नहीं मिल रहा है। कई अभ्यर्थियों ने इसे लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
कोर्ट की नाराजगी:
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार की ओर से ओबीसी आरक्षण का लाभ देने में लापरवाही बरती जा रही है। कोर्ट ने सवाल किया कि जब आरक्षण के तहत नियुक्ति होनी थी, तो फिर ओबीसी के पद होल्ड पर क्यों डाले गए?
अभ्यर्थियों की दलील:
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दलील दी कि ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित पदों को सरकार ने जानबूझकर होल्ड पर डाल दिया, ताकि उन्हें नियुक्ति न दी जा सके। इससे ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थी बेरोजगार रह गए हैं, जबकि सामान्य वर्ग और अन्य श्रेणियों में भर्ती हो गई।
सरकार से मांगा जवाब:
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह ओबीसी पदों को होल्ड पर डालने का कारण स्पष्ट करे। साथ ही, सरकार को यह बताने को कहा गया है कि इन पदों पर कब तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
ओबीसी संगठनों का विरोध:
ओबीसी संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। उनका कहना है कि सरकार ओबीसी वर्ग के अधिकारों का हनन कर रही है। संगठनों ने मांग की है कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद सरकार को फौरन नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
अगली सुनवाई:
हाई कोर्ट ने सरकार को तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी।
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