
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) के लिए 100 करोड़ रुपये की म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी योजना (एमसीजीएस-एमएसएमई) की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य एमएसएमई को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, खासकर उन छोटे व्यवसायों को जिन्हें ऋण प्राप्त करने में मुश्किल होती है।
मुख्य बिंदु:
- नई ऋण सुविधा: इस योजना के तहत एमएसएमई को सावधि ऋण प्रदान किया जाएगा, जो पहले कभी इस प्रकार के सुरक्षित क्रेडिट की सुविधा प्राप्त नहीं कर पाए थे। इससे व्यापारियों को अपनी विकास क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- ऋण स्वीकृति पत्र वितरण: इस कार्यक्रम में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 11 लाभार्थियों को ऋण स्वीकृति पत्र सौंपे। यह कदम एमएसएमई के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है क्योंकि यह उन्हें ऋण प्राप्त करने के लिए एक स्वीकृत मार्ग प्रदान करेगा।
- मूल उद्देश्य: इस योजना का उद्देश्य सुरक्षित गारंटी के जरिए एमएसएमई को ऋण दिलाना है, ताकि वे अपनी गतिविधियों का विस्तार कर सकें और देश के आर्थिक विकास में योगदान कर सकें।
महत्व:
- ऋण पहुंच में सुधार: एमएसएमई को अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए अधिक वित्तीय पहुंच प्राप्त होगी, जो व्यापार विस्तार और रोजगार सृजन में मदद करेगा।
- सुरक्षित क्रेडिट: गारंटी योजना के तहत ऋण प्रदान होने से ऋणदाता संस्थाओं के लिए यह ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा, और ऋण अनुपात बेहतर हो सकता है।
- वित्तीय समावेशन: यह योजना सूक्ष्म और लघु उद्यमों को आर्थिक समावेशन में मदद करने का एक अहम कदम है, जो उनके व्यवसाय को मजबूत बनाने में सहायक साबित हो सकती है।
यह योजना भारत में छोटे व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, और एमएसएमई सेक्टर को जरूरी वित्तीय सहयोग मिलेगा।