
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वामिह फंड (Special Window for Affordable and Mid-Income Housing) के तहत अगले तीन वर्षों में 60,000 घरों का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह घोषणा उन्होंने मुंबई में, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के साथ महाराष्ट्र के हितधारकों के साथ चर्चा करते हुए की।
सीतारमण ने बताया कि इस स्वामिह फंड के तहत 24 जनवरी 2025 तक 50,000 से अधिक घरों का सफलतापूर्वक वितरण किया जा चुका है। और अब सरकार का उद्देश्य अगले तीन वर्षों में हर साल 20,000 अतिरिक्त घर वितरित करना है, जिससे कुल 60,000 घर दिए जाएंगे।
स्वामिह फंड का उद्देश्य:
स्वामिह फंड का उद्देश्य सस्ती आवास योजनाओं के तहत मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों को घर उपलब्ध कराना है। यह फंड आवासीय परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जिससे विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में लोगों को आवास मिल सके।
इस पहल के तहत, केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों मिलकर निम्न और मध्यवर्गीय परिवारों को घर उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं। यह परियोजना प्रधानमंत्री आवास योजना के हिस्से के रूप में चल रही है और इसके जरिए शहरी गरीबों को किफायती दरों पर घर मिल सकेंगे।
महत्व:
- आवासीय योजनाओं का विस्तार: यह पहल मध्यम और निम्न आय वर्ग के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है, जो अक्सर महंगे घरों के कारण एक स्थायी आवास की उपलब्धता से वंचित रहते हैं।
- शहरीकरण की समस्या का समाधान: देश में शहरीकरण के बढ़ते दबाव को देखते हुए, यह पहल आवासीय कमी को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
- आर्थिक विकास: इस योजना के माध्यम से न केवल लोगों को घर मिलेंगे, बल्कि इससे निर्माण क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इस योजना से, सरकार का लक्ष्य शहरी गरीबों के लिए आवास प्रदान करने के साथ-साथ आर्थिक समावेशन और सतत विकास को बढ़ावा देना है।