
महू: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के महाकुंभ में गंगा स्नान को लेकर दिए गए बयान ने विवाद को जन्म दिया है। खरगे ने कहा कि गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर नहीं हो सकती, और उन्होंने बीजेपी पर धर्म के नाम पर शोषण का आरोप लगाया। बीजेपी ने इस बयान को सनातन आस्था का मजाक बताते हुए इसे शर्मनाक करार दिया है।
महू में कांग्रेस की जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली के दौरान खरगे ने यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृहमंत्री अमित शाह के महाकुंभ में गंगा स्नान पर बयान देते हुए कहा, “गंगा में डुबकी से गरीबी दूर नहीं होगी।” उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी नेताओं में महाकुंभ में डुबकी लगाने की होड़ लगी हुई है, लेकिन धर्म के नाम पर गरीबों का शोषण किया जा रहा है। खरगे ने कहा, “धर्म हम सभी के साथ है, लेकिन अगर धर्म के नाम पर किसी समाज में शोषण होगा, तो हम इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने बयान में यह भी कहा कि वह किसी की आस्था को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते और अगर किसी को उनके बयान से चोट पहुंची हो, तो वह माफी मांगते हैं। उन्होंने आगे कहा कि महू की धरती बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली है और अगर लोग बाबा साहेब अंबेडकर जैसे बन जाएं, तो बीजेपी की सरकार हिल सकती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शिक्षण संस्थाओं में आरएसएस से जुड़े लोगों की नियुक्तियां हो रही हैं, जो गरीबों के लिए खतरे का कारण बन सकती हैं।
बीजेपी का पलटवार
बीजेपी नेता संबित पात्रा ने खरगे के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, “महाकुंभ करोड़ों वर्षों से सनातन आस्था का प्रतीक है, और कांग्रेस पार्टी और उनके अध्यक्ष इसका माखौल उड़ा रहे हैं। महाकुंभ स्नान को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे का बयान अत्यंत शर्मनाक है।”
बीजेपी के मध्य प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने भी खरगे के बयान की आलोचना की और इसे कांग्रेस की घृणित सोच का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा, “अंग्रेजों द्वारा स्थापित और इटालियन मालकिन द्वारा संचालित कांग्रेस पार्टी हमेशा हिंदुओं का अपमान करती आई है।”
Discover more from Sachcha Dost News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.