
पुनर्वास, रोजगार और शिक्षा से बदली हजारों ज़िंदगियाँ – इंदौर मॉडल को मिली अंतरराष्ट्रीय मान्यता
📍 इंदौर | एसडी न्यूज़ एजेंसी
स्वच्छता में लगातार नंबर वन रहने वाला इंदौर अब सामाजिक पुनर्वास में भी देश का सिरमौर बन गया है।
मध्यप्रदेश का यह स्मार्ट सिटी देश का पहला “भिखारी-मुक्त शहर” बन गया है।
इसकी पुष्टि करते हुए जिलाधिकारी आशीष सिंह ने बताया कि प्रशासनिक प्रयासों, पुनर्वास कार्यक्रमों और कठोर कानूनी कदमों की बदौलत यह उपलब्धि हासिल हुई है।
🗣️ “इंदौर अब पूरी तरह भिक्षुक-मुक्त हो चुका है। सभी भिखारियों को पुनर्वासित कर रोजगार से जोड़ा गया है, और बच्चों को स्कूलों में भर्ती कराया गया है।” – आशीष सिंह, कलेक्टर
🔁 भिक्षावृत्ति उन्मूलन का बना राष्ट्रीय मॉडल
कलेक्टर सिंह ने बताया कि यह अभियान केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और विश्व बैंक की टीमों द्वारा मान्यता प्राप्त मॉडल बन चुका है, जिसे अन्य शहरों में भी लागू किया जा सकता है।
📊 भिक्षुकों की पुनर्वास यात्रा – एक झलक
🔹 अभियान प्रारंभ: फरवरी 2024
🔹 शुरुआती आंकड़े: लगभग 5,000 भिखारी, जिनमें 500 बच्चे शामिल
🔹 कार्रवाई की प्रक्रिया:
- पहला चरण: जागरुकता अभियान
- दूसरा चरण: पुनर्वास व रोजगार से जोड़ना
- तीसरा चरण: बच्चों का स्कूलों में नामांकन
- बाहरी भिखारी: कई पेशेवर भिखारी राजस्थान से आते थे
💬 “पुनर्वास करते समय हमने देखा कि कुछ लोग वर्षों से भीख मांगना पेशा बना चुके थे। उन्हें वैकल्पिक रोजगार व प्रशिक्षण से जोड़ना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन संभव हुआ।”
– रामनिवास बुधौलिया, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग
🚫 भीख देने और खरीदारी पर भी लगी रोक
प्रशासन ने भीख लेने, देने और भिखारियों से सामान खरीदने पर पूर्ण कानूनी प्रतिबंध लगाया है। इस कानून के उल्लंघन पर अब तक तीन एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं।
🏅 सूचना देने वालों को ₹1,000 का पुरस्कार
जो व्यक्ति शहर में भिक्षावृत्ति की सटीक सूचना देता है, उसे प्रशासन ₹1,000 का पुरस्कार देता है। अब तक कई जागरूक नागरिकों को यह प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है।
🧭 10 शहरों में पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा
इंदौर, केंद्र सरकार की उस सूची में शामिल है, जिसमें देश के 10 प्रमुख शहरों को भिक्षुक-मुक्त बनाने का पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है।
📌 “इंदौर ने न केवल साफ-सफाई में बल्कि सामाजिक सरोकारों में भी देश के सामने उदाहरण पेश किया है।”
🖋️ रिपोर्टर: अंतिम युद्ध – राजेश शर्मा
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