
3 साल पहले इंदौर में हुआ था 225 करोड़ के टैक्स चोरी का मामला; जोबट में भी टैक्स चोरी पर लगा था 9 लाख से अधिक का जुर्माना
जोबट, पियूष जैन। पान मसाला – तम्बाकू – सिगरेट के कर (टैक्स) प्रावधान में संसोधन के बाद करीब 28% टेक्स कर दिया गया है। सीगरेट और तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी दर में भारत सरकार ने संसोधन बिल लाकर सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर सबसे अधिक 28% जीएसटी दर लगाई है। इसमें पान मसाला, सिगार, सिगारिलोस, हुक्का और इसी तरह के अन्य तमाम उत्पाद शामिल हैं। इसके अलावा, जीएसटी कानून के तहत मुआवजा उपकर लगाया जाता है और साथ ही केंद्रीय उत्पाद शुल्क कानून के तहत शुल्क लगाया जाता है परंतु जोबट के पान मसाला व्यापारी बिना बिल लाखो का व्यापार कर प्रतिदिन सरकार को लाखो चुना लगाते नजर आ रहे है और सबसे बड़ी ताजुब की बात यह है की क्षेत्र में बच्चा बच्चा इस बात से अवगत है की सवारी वाहनों सहित विभिन्न साधनों से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में इंदौर सहित गुजरात और राजस्थान के सीमावर्ती शहरो से बिना बिल का तम्बाखू उत्पाद मंगाया (क्रय किया) जा रहा है और जीएसटी विभाग के अधिकारी इस से अनजान इस तरह बैठे है जैसे उनको खबर ही नहीं हो या यूँ बोले की वो केवल मुखदर्शक बन कर बैठे है, जोबट में प्रतिदिन पान मसाले और सिगरेटों का लाखो रुपयों का टर्नओवर होता है जिसमे ज्यादातर व्यापारी ज्यादा लाभ कमाने के लालच में टेक्स बचाने के चलते बिना बिल का माल मंगा कर प्रशासन के सामने बेचते है वहीँ जिले के अधिकारी बिना बिल के मालो की जाँच कर जप्त करना या चलनी या दण्डनात्मक क़ानूनी कार्यवाही करना जरुरी नहीं समझते। प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र में किसी भी अधिकारी द्वारा पान मसालों और सिगरेटस की टैक्स चोरी करने वाले व्यापारियों पर आज दिन तक कोई कार्यवाही नही की ( सालो मे एकाध दो बार छोड़कर), करीब 2 साल पहले 3.60 लाख का पान मसाला बिना बिल का पकड़ाया गया था जिसमे टेक्स पैनल्टी करीब 9 लाख रुपये जमा करवाई गयी थी, उसके बाद कारवाही नही होना, यह साफ़ दर्शाता है की जिम्मेदार इस ओर आंख मूंद ऐसे बैठे है जैसे उनको कोई खबर ही नहीं है, वहीँ दूसरी तरफ यह व्यापारी लगातार सरकारी खजानों में प्रतिदिन लाखों का सेंधमारी कर रहे है। सोचने योग्य बात तो यह भी है अगर इन कर चोरी करने वाले व्यापारियों का सालाना अकड़ा देखन तो वो करोडो में जायेगा और सरकारी खजाने में करोडो की सेंधमारी करने वालों के खिलाफ क्या प्रशासन कार्यवाही करेगा या फिर लगता रहेगा सरकार को लाखो का चुना।
ज्ञातव्य रहे की इंदौर में 3 साल पूर्व इंदौर और उज्जैन में गुटखा, पान-मसाला कारोबारियों के 16 ठिकानों पर छापामारी कर कार्रवाई की गयी थी जिसमे 225 करोड़ की जीएसटी की चोरी का मामला सामने आया था। उस समय बताया गया था की यह माल बेचने में अब तक की सबसे बड़ी टैक्स चोरी का मामला है। उस समय 700 करोड़ से ज्यादा का माल नंबर दो यानि बिना रिकॉर्ड या बिना बिल के बेचा गया था। इसी कड़ी को अगर जोड़कर देखें तो लगातार 3 राज्यों के सेंटर में स्थापित जोबट नगर पर अगर जीएसटी विभाग गौर करते हुए बड़ी कार्यवाही करता है तो तीनों राज्यों से करोडो के बिना रिकॉर्ड वाले मॉल बेचने के सम्बन्ध में जीएसटी चोरी के बड़े मामलों की परत खुल सकती है।
पान मसाला सिगरेट में बिना बिल बढ़ता व्यापार सरकार को बड़ी मात्रा में चुना लगा रहे व्यापारी; आँखे बंद कर जीएसटी विभाग देख रहा है तमाशा
3 साल पहले इंदौर में हुआ था 225 करोड़ के टैक्स चोरी का मामला; जोबट में भी टैक्स चोरी पर लगा था 9 लाख से अधिक का जुर्माना
जोबट, पियूष जैन। पान मसाला – तम्बाकू – सिगरेट के कर (टैक्स) प्रावधान में संसोधन के बाद करीब 28% टेक्स कर दिया गया है। सीगरेट और तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी दर में भारत सरकार ने संसोधन बिल लाकर सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर सबसे अधिक 28% जीएसटी दर लगाई है। इसमें पान मसाला, सिगार, सिगारिलोस, हुक्का और इसी तरह के अन्य तमाम उत्पाद शामिल हैं। इसके अलावा, जीएसटी कानून के तहत मुआवजा उपकर लगाया जाता है और साथ ही केंद्रीय उत्पाद शुल्क कानून के तहत शुल्क लगाया जाता है परंतु जोबट के पान मसाला व्यापारी बिना बिल लाखो का व्यापार कर प्रतिदिन सरकार को लाखो चुना लगाते नजर आ रहे है और सबसे बड़ी ताजुब की बात यह है की क्षेत्र में बच्चा बच्चा इस बात से अवगत है की सवारी वाहनों सहित विभिन्न साधनों से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में इंदौर सहित गुजरात और राजस्थान के सीमावर्ती शहरो से बिना बिल का तम्बाखू उत्पाद मंगाया (क्रय किया) जा रहा है और जीएसटी विभाग के अधिकारी इस से अनजान इस तरह बैठे है जैसे उनको खबर ही नहीं हो या यूँ बोले की वो केवल मुखदर्शक बन कर बैठे है, जोबट में प्रतिदिन पान मसाले और सिगरेटों का लाखो रुपयों का टर्नओवर होता है जिसमे ज्यादातर व्यापारी ज्यादा लाभ कमाने के लालच में टेक्स बचाने के चलते बिना बिल का माल मंगा कर प्रशासन के सामने बेचते है वहीँ जिले के अधिकारी बिना बिल के मालो की जाँच कर जप्त करना या चलनी या दण्डनात्मक क़ानूनी कार्यवाही करना जरुरी नहीं समझते। प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र में किसी भी अधिकारी द्वारा पान मसालों और सिगरेटस की टैक्स चोरी करने वाले व्यापारियों पर आज दिन तक कोई कार्यवाही नही की ( सालो मे एकाध दो बार छोड़कर), करीब 2 साल पहले 3.60 लाख का पान मसाला बिना बिल का पकड़ाया गया था जिसमे टेक्स पैनल्टी करीब 9 लाख रुपये जमा करवाई गयी थी, उसके बाद कारवाही नही होना, यह साफ़ दर्शाता है की जिम्मेदार इस ओर आंख मूंद ऐसे बैठे है जैसे उनको कोई खबर ही नहीं है, वहीँ दूसरी तरफ यह व्यापारी लगातार सरकारी खजानों में प्रतिदिन लाखों का सेंधमारी कर रहे है। सोचने योग्य बात तो यह भी है अगर इन कर चोरी करने वाले व्यापारियों का सालाना अकड़ा देखन तो वो करोडो में जायेगा और सरकारी खजाने में करोडो की सेंधमारी करने वालों के खिलाफ क्या प्रशासन कार्यवाही करेगा या फिर लगता रहेगा सरकार को लाखो का चुना।
ज्ञातव्य रहे की इंदौर में 3 साल पूर्व इंदौर और उज्जैन में गुटखा, पान-मसाला कारोबारियों के 16 ठिकानों पर छापामारी कर कार्रवाई की गयी थी जिसमे 225 करोड़ की जीएसटी की चोरी का मामला सामने आया था। उस समय बताया गया था की यह माल बेचने में अब तक की सबसे बड़ी टैक्स चोरी का मामला है। उस समय 700 करोड़ से ज्यादा का माल नंबर दो यानि बिना रिकॉर्ड या बिना बिल के बेचा गया था। इसी कड़ी को अगर जोड़कर देखें तो लगातार 3 राज्यों के सेंटर में स्थापित जोबट नगर पर अगर जीएसटी विभाग गौर करते हुए बड़ी कार्यवाही करता है तो तीनों राज्यों से करोडो के बिना रिकॉर्ड वाले मॉल बेचने के सम्बन्ध में जीएसटी चोरी के बड़े मामलों की परत खुल सकती है।
अधिकारी से किया संपर्क
सच्चा दोस्त न्यूज़ के जोबट प्रतिनिधि पियूष जैन ने सम्बंधित जीएसटी अधिकारी अलीराजपुर एवं इंदौर मुख्यालय के जीएसटी अधिकारी को दूरभाष द्वारा संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन संपर्क नहीं हो सका।