Tuesday, December 23

राष्ट्रीय किसान दिवस: किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को देश कर रहा याद

 

This slideshow requires JavaScript.

 

मेरठ, 23 दिसंबर 2025:

देश के महान किसान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की आज 123वीं जयंती है। उनके योगदान और किसानों के लिए समर्पित जीवन को याद करते हुए, उनकी जयंती को राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश और देशभर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है।

 

चौधरी चरण सिंह ने अपने पूरे जीवन में किसानों के हित को सर्वोपरि रखा। उन्होंने भारतीय ग्रामीण समाज और किसानों की समस्याओं को गहराई से समझा और उनका समाधान खोजने के लिए हमेशा सक्रिय रहे। राजनीतिक हितों से ऊपर उठकर उन्होंने किसानों के लिए सबको साथ आने का आह्वान किया।

 

चौधरी चरण सिंह का जीवन परिचय:

 

जन्म: 23 दिसंबर 1902, नूरपुर गांव, मेरठ (अब हापुड़ जिला), उत्तर प्रदेश

परिवार: मध्यमवर्गीय किसान परिवार

शिक्षा: आगरा विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई

1928 में गाजियाबाद से वकालत की शुरुआत

स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी, नमक सत्याग्रह में जेल भी गए

1937 में पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य बने

कई बार उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे

1967 और 1970 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री

भूमि सुधारों और जोत अधिनियम 1960 जैसे कानूनों के माध्यम से किसानों को जमीन पर अधिकार दिलाने में अहम भूमिका

कांग्रेस से अलग होकर भारतीय लोकदल की स्थापना की

भारत के पांचवें प्रधानमंत्री: 28 जुलाई 1979 – 14 जनवरी 1980

राजनीतिक जीवन में कभी चुनाव हार नहीं

मरणोपरांत 2024 में भारत रत्न से सम्मानित

 

चौधरी चरण सिंह की पांच पुत्रियां और एक पुत्र अजीत सिंह थे। उनके पौत्र जयंत चौधरी वर्तमान में केंद्र सरकार में मंत्री हैं।

 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी शुभकामनाओं में कहा, “देश की समृद्धि का रास्ता खेतों और खलिहानों से होकर गुजरता है। चौधरी साहब का संपूर्ण जीवन गांव, गरीब, शोषित, वंचित और किसान बंधुओं की समृद्धि के लिए समर्पित रहा। उनके आदर्श से प्रेरणा लेकर हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।”

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चौधरी चरण सिंह की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। अपने संदेश में उन्होंने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह ने समाज के वंचित वर्गों और किसानों की समृद्धि के लिए अपना जीवन समर्पित किया। हमारे प्रयास प्राकृतिक खेती और मिलेट्स को बढ़ावा देकर किसानों को सशक्त बनाने के हैं। राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को कृतज्ञ राष्ट्र कभी भुला नहीं सकता।”

 

आज भी चौधरी साहब के सुझाए मार्ग और विचार किसानों के सशक्तिकरण और ग्रामीण समृद्धि के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।

 

 

Leave a Reply