जल शक्ति अभियान में हरियाणा का जलवा: देश में दूसरा स्थान, 65,000 से अधिक वर्षा जल संरक्षण संरचनाएं बनीं

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02 जुलाई 2024, चंडीगढ़: जल शक्ति अभियान में हरियाणा का जलवा: देश में दूसरा स्थान, 65,000 से अधिक वर्षा जल संरक्षण संरचनाएं बनीं –  हरियाणा के मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन-2024’ की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि हरियाणा ने जल शक्ति अभियान-2023 के क्रियान्वयन में देशभर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इस अभियान का नेतृत्व केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय कर रहा है।

बैठक के दौरान यह जानकारी दी गई कि राज्यभर में 65,000 से अधिक वर्षा जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण किया गया है, जो भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके साथ ही 18,104 जलाशयों का भू-टैगिंग किया गया है। इनमें से 852 जलाशयों का जीर्णोद्धार किया गया है और 1,152 जलाशयों का पुनर्निर्माण कार्य प्रगति पर है। अभियान के तहत 40,000 से अधिक पुन: उपयोग और पुनर्भरण संरचनाएं, 10,000 वाटरशेड विकास संरचनाएं बनाई गई हैं और 3.5 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए गए हैं।

मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि पानी के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए लगभग 70,000 प्रशिक्षण कार्यक्रम और किसान मेलों का आयोजन किया गया है। इसके अलावा, सभी जिलों में जल संसाधन केंद्र स्थापित किए गए हैं और जिला-विशिष्ट जल संरक्षण योजनाएं विकसित की गई हैं ताकि स्थायी जल प्रबंधन को बढ़ावा दिया जा सके।

श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने बताया कि ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन’ के परिणाम अत्यंत प्रभावशाली रहे हैं। इस अभियान के कारण 2023 में 12 जिलों में जल स्तर में लगभग 1.3 मीटर की वृद्धि हुई है, 2022 में 19 जिलों में 0.58 मीटर और 2021 में 7 जिलों में 0.57 मीटर की वृद्धि दर्ज की गई थी।

मुख्य सचिव ने कहा कि वैज्ञानिक वनीकरण के लिए राज्य के दस जिलों जिंद, फतेहाबाद, सिरसा, कुरुक्षेत्र, पानीपत, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, कैथल, गुरुग्राम, और फरीदाबाद में विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने सरकारी भवनों और वन भूमि पर वर्षा जल संचयन प्रणालियों की स्थापना और जल स्रोतों के सुधार के निर्देश भी दिए।

श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने सभी विभागों और अधिकारियों से एकजुट प्रयास की अपील की, ताकि ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन-2024’ की सफलता सुनिश्चित की जा सके और इसके क्रियान्वयन में और भी सुधार किया जा सके। उन्होंने प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए, ताकि जल शक्ति अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए सिंचाई और जल संसाधन विभाग के साथ प्रभावी समन्वय और सहयोग सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे जल शक्ति अभियान पोर्टल पर किए गए कार्यों का अद्यतन तुरंत करें।

मुख्य सचिव ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग ‘अमृत मित्रा’ के माध्यम से शहरी जल प्रबंधन में महिलाओं की भूमिका को बढ़ावा देगा और महिलाओं और युवाओं को शामिल करते हुए आईईसी और जागरूकता अभियान आयोजित करेगा।

उन्होंने कृषि और किसान कल्याण विभाग को ‘कृषि मेलों’ का आयोजन करने और ‘बाजरा’ जैसी जल-प्रभावी फसलों को बढ़ावा देने का निर्देश दिया। इसके अलावा, उन्होंने किसान उत्पादक संगठनों को जल-संरक्षण प्रथाओं पर प्रशिक्षण देने और ‘ड्रॉप मोर क्रॉप’ कार्यक्रम के तहत माइक्रो-इरीगेशन सिस्टम को बढ़ावा देने का निर्देश दिया। इस वर्ष के थीम ‘नारी शक्ति से जल शक्ति’ पर जोर देते हुए, उन्होंने संबंधित विभागों और उपायुक्तों को महिलाओं के सशक्तिकरण और जल संरक्षण के विषय पर व्यापक जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए।

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