
पलामू: झारखंड के पलामू जिले में रेत की कमी के कारण डाल्टनगंज में बन रहे 500 बिस्तरों वाले नए अस्पताल और उससे जुड़ी सुविधाओं का निर्माण काम बाधित हो गया है। महंगी रेत बिहार से लाई जा रही है, जिससे परियोजना में काफी देरी हो रही है।
विस्तार से:
मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (MMCH) के परिसर में करोड़ों रुपये की लागत से बनने वाला नया 500 बिस्तरों वाला अस्पताल, प्राचार्य भवन, चिकित्सा अधीक्षक का कार्यालय, मनोरंजन केंद्र और लड़कियों एवं नर्सों के लिए आवास निर्माण कार्य धीरे-धीरे चल रहा है। निर्माण एजेंसी ने बताया कि राज्य के रेत घाटों में पर्याप्त रेत नहीं है या फिर यह केवल काले बाज़ार में मिलती है। अवैध रूप से रेत खरीदना उनके सिद्धांतों के खिलाफ है, इसलिए बिहार से महंगी रेत मंगाई जा रही है।
अधिकारियों की टिप्पणियाँ:
MMCH के प्रिंसिपल डॉ. पी.एन. महतो ने बताया कि निर्माण एजेंसी ने जून 2026 तक कम से कम चार मंज़िलें तैयार करने का आश्वासन दिया है। हालांकि अब दिसंबर 2025 आ चुका है, और छह मंज़िलों में से एक भी मंज़िल पूरी नहीं हुई है। एजेंसी का दावा है कि भूतल को छोड़कर चार मंज़िलों पर इंटीरियर का काम चल रहा है, ताकि इमरजेंसी और ओपीडी सेवाएं शुरू की जा सकें।
जुर्माने की चर्चा:
तत्कालीन प्रमुख सचिव और वर्तमान स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने अगस्त 2025 तक अस्पताल सौंपने और ओपीडी सेवाएं शुरू करने का आश्वासन मिलने के बावजूद देरी होने पर प्रति माह अनुमानित लागत का 2% जुर्माना लगाने की चेतावनी दी थी।
डीसी पलामू का बयान:
पलामू की डीसी समीरा एस ने बताया कि हाल ही में उन्होंने निर्माण कार्य की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि 500 बिस्तर वाले अस्पताल से लेकर ऑडिटोरियम तक कार्य की गति बहुत धीमी है। आने वाले दिनों में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को विस्तृत रिपोर्ट भेजी जाएगी ताकि एजेंसी को काम तेज करने के निर्देश दिए जा सकें।
निष्कर्ष:
रेत संकट और महंगी सामग्री के चलते परियोजना में देरी, अस्पताल के उद्घाटन और मरीजों की सुविधाओं पर असर डाल रही है। अधिकारी और डीसी दोनों ही निर्माण एजेंसी को कार्य में तेजी लाने के लिए दबाव बना रहे हैं।