
(एसडी न्यूज़ एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में मोटापे की समस्या पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत में हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त है, जो न केवल स्वास्थ्य बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक संरचना के लिए भी एक गंभीर चुनौती बनता जा रहा है।
आज के दौर में मोटापा केवल एक व्यक्तिगत स्वास्थ्य समस्या नहीं रह गया है, बल्कि यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की तरह उभर रहा है। असंतुलित खानपान, शारीरिक गतिविधियों में कमी, और तनावपूर्ण जीवनशैली ने इसे और भी बढ़ावा दिया है।
मोटापे के कारण और वर्तमान स्थिति
- बदलती जीवनशैली:
आज की तेज़ी से भागती दुनिया में शारीरिक श्रम घटता जा रहा है। लोग घंटों कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठते हैं, मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल गैजेट्स के कारण शारीरिक गतिविधियाँ सीमित हो गई हैं। परिणामस्वरूप, शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा होती जाती है। - अस्वस्थ खानपान:
फास्ट फूड, पैकेज्ड फूड और अत्यधिक कैलोरी युक्त आहार का सेवन मोटापे को बढ़ाने वाला प्रमुख कारण है। बाजार में मौजूद जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक्स और तली-भुनी चीज़ों की अधिकता ने खासकर युवाओं में मोटापा बढ़ा दिया है। - तनाव और मानसिक स्वास्थ्य:
आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में मानसिक तनाव भी मोटापे का एक बड़ा कारण है। कई लोग तनाव दूर करने के लिए इमोशनल ईटिंग (तनाव में अधिक भोजन करना) का सहारा लेते हैं, जिससे उनका वजन बढ़ता है। - हार्मोनल असंतुलन और अनुवांशिक कारक:
कई मामलों में मोटापा अनुवांशिक भी हो सकता है, लेकिन सही खानपान और जीवनशैली से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
मोटापे से होने वाले खतरे
मोटापा केवल शारीरिक सौंदर्य को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बनता है। इनमें से कुछ प्रमुख स्वास्थ्य समस्याएँ हैं:
- हृदय रोग – मोटे लोगों में हृदय रोग और उच्च रक्तचाप का खतरा अधिक होता है।
- मधुमेह (डायबिटीज) – अधिक वजन से इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ जाता है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा रहता है।
- जोड़ों की समस्या – शरीर का अतिरिक्त भार घुटनों और कमर पर दबाव डालता है, जिससे जोड़ों का दर्द और आर्थराइटिस जैसी समस्याएँ बढ़ जाती हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य पर असर – मोटापा अवसाद और आत्मविश्वास की कमी जैसी मानसिक समस्याओं को जन्म देता है।
मोटापा कम करने के उपाय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, मोटापा केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं है, बल्कि इसे सामूहिक प्रयासों से नियंत्रित किया जा सकता है। निम्नलिखित उपाय अपनाकर इसे कम किया जा सकता है:
- संतुलित आहार लें – अधिक फाइबर युक्त भोजन, ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें। जंक फूड और अधिक तली-भुनी चीज़ों से बचें।
- नियमित व्यायाम करें – प्रतिदिन कम से कम 30-40 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी ज़रूरी है, जिसमें योग, दौड़ना, वॉकिंग या अन्य एक्सरसाइज़ शामिल हो सकती हैं।
- पर्याप्त नींद लें – नींद की कमी से वजन बढ़ने की संभावना अधिक होती है, इसलिए 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें।
- तनाव कम करें – ध्यान (मेडिटेशन) और योग तनाव कम करने में सहायक हो सकते हैं।
- परिवार और समाज का सहयोग लें – एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए परिवार और समाज की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
निष्कर्ष
भारत में बढ़ता मोटापा न केवल स्वास्थ्य, बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से भी एक चुनौती बन रहा है। यह समय की माँग है कि हम अपनी जीवनशैली में बदलाव करें और स्वस्थ भारत, संपन्न भारत की दिशा में कदम बढ़ाएँ। सरकार और समाज को मिलकर इस समस्या से निपटने के लिए जागरूकता बढ़ाने और स्वस्थ आदतों को अपनाने की आवश्यकता है। अगर अभी ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है।
अब समय आ गया है कि मोटापे को एक व्यक्तिगत समस्या मानने की बजाय, इसे एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट समझें और इसे नियंत्रित करने के लिए सामूहिक प्रयास करें।