
हावड़ा, 01 मार्च 2025 (एसडी न्यूज़ एजेंसी)। स्वच्छ भारत अभियान देशभर में तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन देश के सबसे बड़े यातायात संसाधन रेलवे की स्वच्छता पर भी सरकार को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। सरकार के आह्वान पर लोग अपने घरों, गलियों और सार्वजनिक स्थलों को स्वच्छ रखने में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं, लेकिन रेलवे में ‘स्वच्छ रेल अभियान’ शुरू करने की भी सख्त जरूरत है।
रेलवे यात्रा के दौरान यात्रियों को स्वच्छता नियमों का पालन करना होगा, वहीं रेलवे सफाई कर्मियों को भी समय-समय पर ट्रेन के टॉयलेट और कोचों की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। खासकर लंबी दूरी की ट्रेनों में सफाई की स्थिति काफी खराब रहती है।
अगर रातभर की यात्रा वाली ट्रेनें सुबह अपने गंतव्य पर पहुंचती हैं, तो उनमें सफाई की समस्या अपेक्षाकृत कम होती है। लेकिन लंबी दूरी की ट्रेनों में सफाई की घोर उपेक्षा देखी जाती है। उदाहरण के तौर पर, देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर से चलकर हावड़ा, दक्षिण भारत या जम्मू की ओर जाने वाली ट्रेनों में वातानुकूलित कोचों की सफाई तो समय-समय पर की जाती है, लेकिन स्लीपर कोच और सामान्य डिब्बों की सफाई पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया जाता।
पुरुष यात्री किसी तरह इस गंदगी को सहन कर लेते हैं, लेकिन लंबी यात्रा करने वाली महिला यात्रियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन जाती है। गंदे शौचालयों का उपयोग करना उनके लिए बेहद असुविधाजनक और परेशानी भरा अनुभव साबित होता है। आम यात्री इस समस्या के समाधान के लिए रेलवे हेल्पलाइन पर शिकायत भी दर्ज कराते हैं, लेकिन उन्हें बस “अगले स्टेशन पर सफाई करवा दी जाएगी” का आश्वासन मिल जाता है, जो अक्सर पूरा नहीं होता।
इसलिए सरकार को ‘स्वच्छ रेल अभियान’ की शुरुआत करनी चाहिए, ताकि रेलवे सफाई व्यवस्था को सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाया जा सके। जिस तरह हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर स्वच्छ भारत अभियान ने पूरे देश को स्वच्छता की दिशा में आगे बढ़ाया, उसी तरह ‘स्वच्छ रेल अभियान’ भी देश में स्वच्छ यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
(एसडी न्यूज़ एजेंसी)
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