
उज्जैन , 1 मार्च 2025 (एसडी न्यूज़ एजेंसी):। मध्यप्रदेश राज्य पंचायत परिषद द्वारा उज्जैन में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों का विशाल सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में अखिल भारतीय पंचायत परिषद के मुख्य महामंत्री शीतला शंकर विजय मिश्र ने कहा कि सरपंच चौबीसों घंटे जनता की सेवा करता है, लेकिन उसे सम्मानजनक वेतन, भत्ता व पेंशन नहीं मिलती। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार से मांग की कि सरपंचों को विधायकों-सांसदों की तरह वेतन, भत्ते और पेंशन दी जाए।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने के लिए ग्राम सभाओं को सशक्त करना आवश्यक है। आज पंचायतें केवल विकास कार्यों तक सीमित रह गई हैं, जबकि उन्हें स्वशासन की वास्तविक इकाई के रूप में कार्य करने का अधिकार दिया जाना चाहिए।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि अशोक सिंह जादौन, अध्यक्ष अखिल भारतीय पंचायत परिषद, ने कहा कि संविधान के 73वें संशोधन के बावजूद पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए पर्याप्त अधिकार, बजट और संसाधन नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि पंचायतों को केवल राज्य सरकारों की योजनाओं को लागू करने का जरिया बना दिया गया है, जिससे स्थानीय स्वशासन की आत्मनिर्भरता प्रभावित हो रही है।
प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह सेंगर ने पंचायतों के लिए अलग बजट की मांग की, जबकि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र कुमार यादव ने पंचायत प्रतिनिधियों से संगठित होकर आंदोलन करने की अपील की।
सम्मेलन को विजय पाटीदार, महेंद्र सिंह बुंदेला, प्रीति सिंह राठौर, बद्रीदास बैरागी, हेमराज चौहान, हिम्मत सिंह गोयल, अजय गोटिया, पुष्पेंद्र श्री देशमुख, सुरेंद्र सिंह सोलंकी, दीपा ठाकुर, सुधाकर पांडगरे, नरेंद्र सिंह चौहान सहित कई नेताओं ने संबोधित किया।
इस विशाल सम्मेलन में इंदौर और उज्जैन संभाग के 15 जिलों के हजारों सरपंचों ने भाग लिया। सम्मेलन का समापन “जय पंचायती राज” के उद्घोष के साथ किया गया।
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