
इंदौर से 27 फरवरी को चलने वाली 22911 शिप्रा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच की स्थिति बेहद दयनीय रही। यात्रियों को ऐसा महसूस हुआ जैसे वे रिजर्वेशन कराने के बावजूद जनरल डिब्बे में यात्रा कर रहे हों। रेलवे प्रशासन द्वारा हाल ही में स्लीपर कोच में वेटिंग लिस्ट यात्रियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था, जिससे रेलवे ने अतिरिक्त किराया वसूलने का अवसर तो पा लिया, लेकिन यात्री सुविधाओं में कोई सुधार नहीं किया।

स्थानीय एवं बिना रिजर्वेशन वाले यात्रियों के भारी दबाव के चलते स्लीपर कोच में अव्यवस्था का माहौल बन गया। हालात यह थे कि रिजर्व सीटों पर भी अनधिकृत यात्री काबिज हो गए, जिससे वास्तविक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ऐसा प्रतीत होता है कि रेलवे प्रशासन स्थानीय यात्रियों के आगे नतमस्तक हो गया है और स्लीपर कोच की अव्यवस्था पर ध्यान नहीं दे रहा है।
रेलवे प्रशासन को इस गंभीर समस्या का संज्ञान लेते हुए स्लीपर कोच में अनधिकृत यात्रियों की आवाजाही रोकने और रिजर्वेशन धारक यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।