उज्जैन।SD News Agency शैल पब्लिक स्कूल इंगोरिया चौपाटी में 11वें वार्षिकोत्सव का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों की शैक्षिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस अधिकारी एवं राज्य सूचना आयुक्त डॉ. हीरालाल त्रिवेदी ने विद्यार्थियों को भारतीय ज्ञान परंपरा और नैतिक मूल्यों को आत्मसात करने की प्रेरणा दी।
डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे अपने ज्ञान और अनुभव के माध्यम से विद्यार्थियों में नैतिकता और भारतीय संस्कृति के मूल्यों को विकसित करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए वार्षिकोत्सव जैसे आयोजनों का विशेष महत्व है।
मेधावी छात्राओं को सम्मानित किया गया
इस अवसर पर शिवजी राम त्रिवेदी शिक्षण प्रशिक्षण समिति उज्जैन की ओर से औदीच्य समाज की 10वीं कक्षा की छात्राओं श्रेया शर्मा (नलवा – 2023) एवं वेदिका दवे (सरसाना – 2024), 12वीं कक्षा की छात्रा प्रियांशी ठक्कर (दंगवाड़ा – 2024) को ₹5000 की प्रोत्साहन राशि एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा, वर्ष 2023 में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली नैना राठौर (घुड़ावन) को भी ₹5000 प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।
रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
वार्षिक उत्सव के दौरान विद्यार्थियों ने देशभक्ति, भारतीय संस्कृति, फिल्मी संगीत एवं विभिन्न सामाजिक विषयों पर आधारित शानदार प्रस्तुतियां दीं। सांस्कृतिक कार्यक्रम के संयोजन में अजय सिंह ठाकुर, जया शर्मा, विवेक अग्निहोत्री, दीप्ति गुप्ता, श्रेया आस्थावले, कविता ज्ञानी, सोनाली सिल्के, निमिषा राठौर और अजय शर्मा की अहम भूमिका रही। कार्यक्रम का संचालन छात्राओं वेदिका दवे और श्रेया शर्मा ने किया।
सम्मानित अतिथि एवं आयोजन समिति
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में श्रीमती सरोज त्रिवेदी (सामाजिक कार्यकर्ता), डॉ. अक्षय आचार्य (पूर्व प्राचार्य, श्री उमा कन्या महाविद्यालय, हाटपीपलिया, देवास) एवं श्री कमल पंड्या (पासलोद) उपस्थित रहे। स्कूल प्रबंधक शैलेश त्रिवेदी एवं प्राचार्य नीलिमा वकील ने अतिथियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राएं, अभिभावक, स्कूल कर्मचारी एवं क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। वार्षिकोत्सव के सफल आयोजन ने विद्यार्थियों को न केवल एक मंच प्रदान किया बल्कि उन्हें अपनी प्रतिभा निखारने और शिक्षा के साथ सांस्कृतिक मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा भी दी।