दिलों की डोरी: जब अस्पताल बना विवाह मंडप – प्यार की मिसाल बनी अनोखी शादी

 

ब्यावरा, 1 मई 2025 | एसडी न्यूज़ एजेंसी
“जहां दुल्हन, वहीं मंडप” — इस भावना को साकार कर दिखाया ब्यावरा निवासी आदित्य सिंह ने, जिसने अपने प्रेम को निभाने के लिए सामाजिक परंपराओं और परिस्थितियों की सीमाएं लांघ दीं। यह दृश्य देखने को मिला राजगढ़ जिले के पंजाबी अस्पताल में, जहां बीमार दुल्हन के साथ विवाह कर आदित्य ने सच्चे प्रेम की अनोखी मिसाल पेश की।

आदित्य की शादी की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं, लेकिन ऐन वक्त पर उसे सूचना मिली कि उसकी होने वाली पत्नी टायफाइड के कारण अस्पताल में भर्ती हो गई है। आमतौर पर ऐसे हालात में लोग शादी टालने का निर्णय लेते हैं, परंतु आदित्य ने ठान लिया – शादी होगी, और वहीं होगी जहां दुल्हन है।

अस्पताल में बजी शहनाइयां, लिए सात फेरे

आदित्य ने परिजनों और सीमित बारातियों के साथ अस्पताल का रुख किया। बैंड-बाजा, ढोल-नगाड़े के साथ मंडप सजा अस्पताल के उसी कमरे में, जहां दुल्हन उपचाराधीन थी। चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ की उपस्थिति में, पूरे संयम और मर्यादा के साथ वैवाहिक रस्में पूरी की गईं।

दूल्हे ने अपनी दुल्हन को गोद में उठाकर सात फेरे लिए। इस सादगीभरे समारोह के साक्षी बने अस्पताल के अन्य मरीज, स्टाफ और कुछ चुनिंदा रिश्तेदार। विवाह के दौरान न कोई दिखावा था, न कोई तामझाम — केवल दो दिलों की सच्ची मोहब्बत की प्रत्यक्ष झलक।

प्रबंधन ने दिखाई मानवीयता

पंजाबी अस्पताल प्रशासन ने इस विशेष विवाह को अनुमति दी, साथ ही यह सुनिश्चित किया कि अन्य मरीजों की शांति और सुविधा में कोई विघ्न न आए। डॉक्टरों की निगरानी में पूरी प्रक्रिया पूर्ण हुई।

प्यार का संदेश

यह विवाह केवल एक रस्म नहीं थी, यह एक भावनात्मक संदेश था – कि सच्चा प्यार न बीमारी से डरता है, न हालात से हारता है। जहां दिल एक हों, वहां मंदिर की आवश्यकता नहीं — मोहब्बत ही सबसे बड़ा धर्म है।

 


अंतिम युद्ध | रिपोर्ट: बी.एल. गुर्जर


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