
खरगोन, 28 अप्रैल 2025 (एसडी न्यूज एजेंसी)।
खरगोन जिले में शासन के नियमों की अनदेखी और प्रशासनिक उदासीनता का एक नया मामला सामने आया है। जिले में चार बायपास सड़कों के निर्माण कार्य का ठेका ए.के. शिवहरे कंपनी को दिया गया है। लेकिन कंपनी द्वारा बिना आवश्यक पर्यावरण अनुमति के निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, जिससे स्थानीय प्रशासन और पर्यावरण विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, खरगोन जिले के कसरावद और सैलानी क्षेत्र में बायपास निर्माण कार्य के लिए ए.के. शिवहरे कंपनी द्वारा गिट्टी क्रेशर प्लांट स्थापित कर उत्पादन शुरू कर दिया गया है। इस प्लांट के संचालन के लिए आवश्यक पर्यावरण स्वीकृति अब तक प्राप्त नहीं की गई है। शिकायत मिलने पर पर्यावरण विभाग के अधिकारी ने संबंधित कंपनी को नोटिस जारी कर औपचारिकताएँ पूरी करने हेतु ऑनलाइन आवेदन करने का निर्देश दिया, किन्तु इसके बावजूद कंपनी ने उत्पादन जारी रखा है।
प्रशासनिक लापरवाही या दबाव?
सूत्रों के अनुसार, कंपनी को स्थानीय राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते वह नियमों का उल्लंघन करने के बावजूद निर्बाध रूप से कार्य कर रही है। पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करना न केवल कानून के विरुद्ध है, बल्कि यह स्थानीय पर्यावरण और नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा उत्पन्न कर सकता है।
अधिकारी सावन चौहान की भूमिका पर उठे सवाल
शिकायतों के निपटारे में जिला खनिज अधिकारी सावन चौहान की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, चौहान द्वारा 181 सार्वजनिक शिकायत पोर्टल पर की गई शिकायतों पर अनुचित और अस्पष्ट प्रतिवेदन प्रस्तुत किए जाते हैं। पत्रकारों के अनुसार, चौहान द्वारा शिकायत मिलने पर आरोपित पक्ष को पहले से सूचना देकर बचाव का अवसर प्रदान किया जाता है, जिससे वास्तविक कार्रवाई से बचा जा सके।
हाल ही में, ए.के. शिवहरे कंपनी के मामले में भी सावन चौहान के कार्यालय द्वारा प्रतिवेदन में उल्लेख किया गया कि कंपनी ने भोपाल के ईडन गार्डन, चुना भट्टी, कोलार रोड क्षेत्र से पर्यावरण अनुमति प्राप्त कर ली है। जबकि पर्यावरण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी द्वारा बिना पर्यावरणीय स्वीकृति के प्लांट संचालन किया जा रहा है।
बुद्धिजीवियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय बुद्धिजीवियों ने इस प्रकरण पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यदि इस प्रकार अधिकारियों द्वारा नियमों की अनदेखी होती रही, तो भविष्य में अवैध गतिविधियों पर रोक लगा पाना कठिन हो जाएगा। कुछ ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सावन चौहान के जन्मदिन पर ए.के. शिवहरे कंपनी द्वारा रक्तदान शिविर आयोजित कर दिया जाएगा।
अब निगाहें जिला कलेक्टर पर
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जिला कलेक्टर इस पूरे प्रकरण में निष्पक्ष कार्रवाई कर नियमों का पालन सुनिश्चित करते हैं या प्रशासनिक लापरवाही का यह क्रम इसी तरह चलता रहेगा। जिले की जनता और जागरूक नागरिक उम्मीद कर रहे हैं कि कानून का शासन कायम रखा जाएगा और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
(अंतिम युद्ध — सुरेंद्र सेन)
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