
28 अप्रैल 2025 | एसडी न्यूज एजेंसी
नई दिल्ली।
देश आज एकजुट होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है। देशवासियों की अपेक्षा है कि आतंकवादियों के खिलाफ अब निर्णायक कार्रवाई की जाए। तीन-तीन बार देश पर हमलों के बावजूद पाकिस्तान की सोच में कोई बदलाव नहीं आया है। अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को उसकी हरकतों का कठोर उत्तर दिया जाए।
भारत ने पहले भी शांति की पहल की थी — कबूतर उड़ाकर दोस्ती का संदेश दिया, लेकिन बदले में आतंक और खूनखराबा ही मिला। दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकवाद का पोषक बन चुका है। वहां न भोजन है, न पानी, फिर भी बंदूकें थामी जाती हैं। ऐसे हालात में अब सिर्फ बातचीत से काम नहीं चलेगा; हमें ठोस और निर्णायक कार्रवाई करनी होगी।
पुलवामा हमले के बाद हुई एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान बुरी तरह हिल गया था। आज फिर भारत के समक्ष वैसी ही सख्त प्रतिक्रिया देने का समय आ गया है। देशवासी अब और संयम नहीं चाहते, बल्कि कार्यवाही चाहते हैं। पाकिस्तान ने हमारे धैर्य की परीक्षा ली है, अब हमारी सेनाओं को उसका करारा जवाब देना चाहिए।
पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) को भारत में मिलाने की मांग जोर पकड़ रही है। जनभावना है कि अब “नई नीति, नया निर्णय” अपनाते हुए दुश्मन को सख्त संदेश दिया जाए। भारत शांति चाहता है, लेकिन अपनी अस्मिता पर हमला स्वीकार नहीं करेगा। प्रधानमंत्री मोदी से अपेक्षा है कि वे अब हुंकार भरें और देश के सम्मान की रक्षा करें।
पाकिस्तान की आतंक समर्थक नीतियों ने उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया है। अब जब विश्व समुदाय भी भारत के साथ खड़ा है, तो यह उचित समय है कि कूटनीतिक और सैन्य दोनों मोर्चों पर पाकिस्तान को स्पष्ट और कठोर संदेश दिया जाए।
देश का खौलता खून अब सिर्फ प्रतीक्षा कर रहा है — एक निर्णायक फैसले का। इतिहास हमें पुकार रहा है कि हम टूटे भारत को फिर से मजबूत करें और अपने आत्मसम्मान की रक्षा करें।
(लेखक प्रो. (डॉ.) श्यामसुंदर पलोड़ एक प्रतिष्ठित लेखक, कवि एवं वक्ता हैं।)
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