
सारंगपुर/कानड़, 28 अप्रैल 2025 | एस.डी. न्यूज़ एजेंसी
सारंगपुर मार्ग स्थित गोंगली नाले पर पुलिया पर रैलिंग नहीं बनाए जाने के कारण अब तक दो लोगों की जान जा चुकी है। हाल ही में आगर रोड निवासी 85 वर्षीय ठाकुर करणसिंह दरबार पुलिया पर रैलिंग के अभाव में गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। इस लापरवाही के चलते स्थानीय नागरिकों ने टोल टैक्स प्रबंधक प्रीतम सोनी के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
घटना का विवरण:
12 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन ठाकुर करणसिंह दरबार कंकेश्वर मंदिर में दर्शन के बाद लौटते समय गलती से आगर रोड की बजाय सारंगपुर रोड की ओर बढ़ गए। गोंगली नाले के पास पुलिया पर रेलिंग नहीं होने और अंधेरा होने के कारण सामने से आ रहे वाहन की रोशनी से असंतुलित होकर वे नाले में गिर गए।
स्थानीय युवकों — अर्पित मालवीय, सतीश कुमावत और अरबाज खान — ने उन्हें तुरंत नाले से बाहर निकाला और निजी अस्पताल पहुँचाया। प्रारंभिक इलाज के बाद उन्हें आगर रेफर किया गया, जहाँ उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
पीड़ित परिवार की पृष्ठभूमि:
करणसिंह दरबार क्षेत्र में एक सम्मानित परिवार से ताल्लुक रखते थे। वे सेवानिवृत्त शिक्षक रमेशचंद्र ठाकुर के बड़े भाई, पूर्व बीईओ सुरेंद्रसिंह ठाकुर, जिला चिकित्सालय आगर में पदस्थ डॉ. धीरेंद्रसिंह ठाकुर, डॉ. शैलेंद्रसिंह ठाकुर और शिक्षक रूपेंद्रसिंह ठाकुर के पिता तथा पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी वीरेंद्रसिंह ठाकुर के काका थे।
स्थानीय समस्या और प्रशासनिक लापरवाही:
गोंगली नाले पर पुलिया के किनारे रैलिंग न होने के कारण आए दिन दुर्घटनाएँ होती रही हैं। इस स्थान पर पहले भी एक व्यक्ति की जान जा चुकी है और कई लोग घायल हो चुके हैं। नगर परिषद तथा टोल टैक्स प्रबंधन को कई बार इस मुद्दे से अवगत कराया गया, परन्तु अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
हाल ही में टोल टैक्स मैनेजर प्रीतम सोनी ने लीपापोती के तौर पर नाले के किनारे एक दीवार का निर्माण कराया है, लेकिन पुलिया की समुचित सुरक्षा के लिए रेलिंग अब तक नहीं लगाई गई है। इससे नागरिकों में भारी आक्रोश है।
परिजनों और नागरिकों की मांग:
ठाकुर करणसिंह दरबार के परिजनों ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि टोल टैक्स नाका संचालक प्रीतम सोनी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे तत्काल गिरफ्तार किया जाए।
ज्ञात रहे कि पुलिया पर रैलिंग के अभाव में हुए सभी हादसों की रिपोर्ट पहले ही कानड़ थाने में दर्ज है। नागरिकों का कहना है कि अब प्रशासन को लापरवाही के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।
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