जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए है कांग्रेस का ‘संविधान बचाओ अभियान’ : उमंग सिंघार

 

नेता प्रतिपक्ष ने इंदौर में प्रेसवार्ता कर भाजपा सरकार पर साधा निशाना

इंदौर, 28 अप्रैल 2025 | एस.डी. न्यूज़ एजेंसी
मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष श्री उमंग सिंघार ने आज इंदौर स्थित होटल सरोवर पोर्टिको में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रारंभ किए गए ‘संविधान बचाओ अभियान’ की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार निरंतर जनता के संवैधानिक अधिकारों पर हमला कर रही है, जिसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी देशभर में यह जनजागरण अभियान चला रही है।

नेता प्रतिपक्ष का वक्तव्य:
श्री सिंघार ने कहा कि ‘संविधान बचाओ अभियान’ केवल कांग्रेस पार्टी का आंदोलन नहीं, बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक की आवाज़ है जो संविधान द्वारा प्राप्त अधिकारों का सम्मान करता है। यह आंदोलन वोट बैंक की राजनीति नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, राजनीतिक न्याय और आर्थिक न्याय की मांग का सशक्त मंच है।

अभियान की रूपरेखा:
‘संविधान बचाओ’ अभियान 25 अप्रैल से 30 मई 2025 तक चार चरणों में संचालित किया जाएगा:

  • 25-30 अप्रैल: जिला स्तर पर जनसभाएँ।
  • 5-10 मई: ब्लॉक स्तर पर जनसभाएँ।
  • 11-17 मई: प्रदेश विधानसभाओं में संवाद व सभाएँ।
  • 20-30 मई: घर-घर जाकर संविधान बचाओ का संदेश।

अभियान की मुख्य माँगें:

  • जातीय जनगणना कराई जाए ताकि सामाजिक न्याय के लिए सटीक नीतियाँ बन सकें।
  • निजी शिक्षण संस्थानों में एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों को आरक्षण प्रदान किया जाए।
  • आरक्षण सीमा 50% से बढ़ाई जाए ताकि सामाजिक असमानताओं को दूर किया जा सके।
  • किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का कानूनी दर्जा दिया जाए और किसानों के कर्ज माफ किए जाएँ।
  • सभी सामाजिक समूहों को राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

प्रमुख चिंताएँ:
श्री सिंघार ने बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, न्यायपालिका की गिरती साख, सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग, एमएसएमई क्षेत्र की उपेक्षा तथा किसानों और मजदूरों की अनदेखी को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि देश के युवा रोजगार की कमी से जूझ रहे हैं, जबकि सरकार विदेशी कंपनियों को प्राथमिकता दे रही है।

लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर खतरा:
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में है। पत्रकारों पर हमले, गिरफ्तारी, समाचार माध्यमों पर दबाव और सोशल मीडिया पर निगरानी जैसी घटनाएँ गंभीर चिंता का विषय हैं। विपक्ष को संसद और सड़क पर अपनी बात कहने का अवसर नहीं दिया जा रहा है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए अत्यंत घातक है।

आदिवासी और दलित समुदायों पर अत्याचार:
श्री सिंघार ने प्रदेश में आदिवासी और दलित समुदायों पर बढ़ते अत्याचारों का जिक्र करते हुए बालाघाट में आदिवासी बालिकाओं के साथ हुई अमानवीय घटना की घोर निंदा की। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की।

जनगणना 2021 पर सवाल:
उन्होंने यह भी प्रश्न उठाया कि आखिर सरकार ने अब तक 2021 की जनगणना क्यों नहीं कराई, जबकि इसकी अनुपस्थिति सामाजिक न्याय संबंधी नीतियों के निर्माण में गंभीर बाधा बन रही है।

अंत में उमंग सिंघार ने कहा:
“यह आंदोलन सिर्फ कांग्रेस का नहीं, बल्कि संविधान, लोकतंत्र और आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा का राष्ट्रीय आह्वान है।”

 


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