प्राकृतिक चिकित्सा और जीवनशैली में सुधार से फेफड़े और श्वसन तंत्र की कार्यक्षमता में सुधार — मिल सकता है कई रोगों से छुटकारा

एस.डी. न्यूज़ एजेंसी

“स्वस्थ सांसें, स्वस्थ जीवन की नींव हैं।”
आज के प्रदूषित वातावरण, अनियमित जीवनशैली और बढ़ते तनाव के कारण फेफड़े और श्वसन तंत्र सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। सांस फूलना, खांसी, अस्थमा, एलर्जी, ब्रोंकाइटिस, यहाँ तक कि फेफड़ों के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी अब आम होती जा रही हैं।

लेकिन चिंता की नहीं, प्राकृतिक चिकित्सा (Naturopathy) और जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलावों से न केवल फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाई जा सकती है, बल्कि शरीर को कई गंभीर रोगों से भी छुटकारा मिल सकता है।

विनायक अशोक लुनिया प्राकृतिक चिकित्सक & मोटिवेशनल काउंसलर

🌿 प्राकृतिक चिकित्सा: शरीर की स्वाभाविक चिकित्सा

प्राकृतिक चिकित्सा एक ऐसी प्रणाली है जो दवाइयों के बिना ही शरीर को स्वयं ठीक करने की क्षमता को बढ़ाती है। इसमें योग, प्राणायाम, जल चिकित्सा, आहार सुधार, मिट्टी चिकित्सा जैसे उपायों द्वारा शरीर को अंदर से शुद्ध किया जाता है।


🌬️ फेफड़े और श्वसन तंत्र: जीवन की ऊर्जा

फेफड़े केवल ऑक्सीजन लेने और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ने का काम नहीं करते, बल्कि वे शरीर की ऊर्जा प्रणाली, रोग प्रतिरोधक शक्ति, और मस्तिष्क के कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

जब फेफड़े और श्वसन तंत्र कमजोर होते हैं, तो शरीर में निम्न समस्याएं उत्पन्न होती हैं:

  • बार-बार खांसी और जुकाम
  • सांस लेने में तकलीफ
  • सीने में जकड़न
  • कमजोरी और थकान
  • बार-बार बुखार या संक्रमण

🧘 जीवनशैली में करें ये परिवर्तन

✅ क्या करें?

  1. प्रातःकाल शुद्ध हवा में गहरी सांसें लें – शरीर को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है।
  2. प्राणायाम करें – विशेष रूप से अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका, कपालभाति, जो फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाते हैं।
  3. भाप लेना (स्टीम थेरेपी) – नाक और श्वास नलियों की सफाई करता है।
  4. पौष्टिक और हल्का भोजन करें – जैसे अदरक, तुलसी, हल्दी, शहद और गिलोय का सेवन फेफड़ों को ताकत देता है।
  5. पैरों और सीने पर मिट्टी पट्टी – शरीर की गर्मी को कम कर विषैले तत्व बाहर निकालती है।
  6. धूम्रपान और वायु प्रदूषण से बचें – ये फेफड़ों के सबसे बड़े दुश्मन हैं।

❌ क्या न करें?

  • डिब्बाबंद और प्रोसेस्ड फूड
  • देर रात तक जागना और नींद की कमी
  • अधिक तला-भुना और मसालेदार भोजन
  • लंबे समय तक बंद कमरे में रहना

🔄 फेफड़ों की सेहत से मिलती है रोगों से राहत

जब श्वसन तंत्र ठीक से कार्य करता है, तो शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुचारू रहती है। इससे मस्तिष्क, दिल, मांसपेशियों और पाचन प्रणाली तक ऊर्जा सही ढंग से पहुंचती है। एक मजबूत श्वसन तंत्र का मतलब है —

  • बेहतर इम्युनिटी
  • तनाव में कमी
  • त्वचा की चमक
  • मानसिक शांति
  • और संपूर्ण स्वास्थ्य

📌 निष्कर्ष:

प्राकृतिक चिकित्सा और जीवनशैली में छोटे बदलाव, फेफड़ों को दे सकते हैं नया जीवन।
वर्तमान समय में जब हर सांस में प्रदूषण घुला है, ऐसे में खुद को स्वस्थ रखने के लिए हमें प्रकृति की ओर लौटना होगा। साफ हवा, गहरा श्वास, नियमित योग और संतुलित आहार से फेफड़े मजबूत होंगे और शरीर पर किसी भी बीमारी का “घातक हमला” नहीं होगा।

“श्वसन तंत्र का संतुलन – रोगमुक्त जीवन का असली मंत्र!”


लेखक : विनायक अशोक लुनिया प्राकृतिक चिकित्सक मोटिवेशनल काउंसलर,  एस.डी. न्यूज़ एजेंसी


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