
– दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, भोपाल में सघन आबादी वाले मध्य पुराने शहर में मेट्रो का प्लान नहीं।
इंदौर, 18 अप्रैल 2025 (एस.डी. न्यूज़ एजेंसी):
“बीआरटीएस की तरह इंदौर में अंडर ग्राउंड मेट्रो नासूर ना बन जाये।”
“दिल्ली, मुंबई, भोपाल, बेंगलुरु में सघन आबादी वाले पुराने शहरी क्षेत्रों में मेट्रो ट्रेक प्लान नहीं किया गया।”

इंदौर में मेट्रो निर्माण के प्रस्ताव को लेकर म.प्र. कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव राकेश सिंह यादव ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि इंदौर में अंडर ग्राउंड मेट्रो ट्रेक या ओपन पिलर मेट्रो ट्रैक बनाने से शहर का नुकसान हो सकता है, जैसा कि बीआरटीएस के मामले में हुआ था। उनका कहना है कि पिछले 25 वर्षों में इंदौर को एक प्रयोगशाला बना दिया गया है, जहां प्रत्येक निर्णय स्वार्थी हितों के आधार पर लिए गए हैं।
राकेश सिंह यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि मेट्रो के निर्माण में इंदौर के वास्तविक हितों की अनदेखी की जा रही है। उनका कहना है कि मेट्रो का ट्रैक सघन आबादी वाले क्षेत्रों जैसे बंगाली चौराहा से बड़ा गणपति चौराहा के बीच अव्यवहारिक होगा। उन्होंने दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, भोपाल जैसे शहरों का उदाहरण दिया, जहां पुराने और सघन क्षेत्रों में मेट्रो ट्रैक नहीं बनाए गए हैं।
यादव का कहना है कि इंदौर में ई-रिक्शा, रेपिडो सेवाएं और सस्ती पब्लिक ट्रांसपोर्ट पहले से ही उपलब्ध हैं, इसलिए मेट्रो की आवश्यकता नहीं है। मेट्रो के नाम पर कई करोड़ का बजट खर्च करना और शहर को तहस-नहस करना बुद्धिमानी नहीं है।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मेट्रो का ट्रैक बंगाली चौराहे से राजीव गांधी प्रतिमा चौराहे होते हुए चोइथराम राम हॉस्पिटल के सामने से काला घोड़ा चौराहा और गंगवाल बस स्टैंड होकर एयरपोर्ट तक पहुंचना चाहिए, जिससे इंदौर का एक पूरा सर्कल बन सके। इसके बाद उज्जैन, देवास, पीथमपुर, और राऊ तक मेट्रो का विस्तार किया जा सकता है।
उनके अनुसार, अगर मेट्रो निर्माण को सघन और अव्यवहारिक क्षेत्रों में लागू किया गया तो इसका परिणाम इंदौर के व्यापारिक और शहरी विकास के लिए हानिकारक साबित होगा। मेट्रो बजट का गलत इस्तेमाल होने से इंदौर का व्यापारिक विकास रुक सकता है और शहर को लंबे समय तक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने सरकार से अपील की है कि मेट्रो के लिए सही और शहर के हित में निर्णय लिया जाए।
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(विशेष संवाददाता – अंतिम युद्ध: प्रदीप जैन)
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