
✒️ जब धर्मरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाले ही भयभीत और मौन हों!
✒️ प्रखर हिंदूवादी नेतृत्व के उभार से पंडे-पुजारियों की कायरता उजागर
इंदौर, 18 अप्रैल 2025 (एस.डी. न्यूज़ एजेंसी):
देश में जब हिंदू राष्ट्र की स्थापना की चर्चा ज़ोरों पर है, तब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या ऐसे भयभीत और स्वार्थी पुजारियों के सहारे धर्म और आस्था की रक्षा संभव है? यह विचार देवास जिले की प्रसिद्ध माँ चामुंडा टेकरी मंदिर में हाल ही में घटित एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद और प्रबल हो गया है।
घटनाक्रम यह बताता है कि मंदिर के पुजारी, जो धर्म ध्वजवाहक माने जाते हैं, अधर्म और अपराध के सामने झुक गए, और मां की मर्यादा की रक्षा करने में असफल रहे। सबसे बड़ी विडंबना यह रही कि आरोपी व्यक्तियों से शाल, हार, नेग और भोज का निमंत्रण भी स्वीकार किया गया — वह भी उसी समय जब मंदिर की गरिमा को ठेस पहुंचाई गई थी।
पुलिस और प्रशासन की चुप्पी भी सवालों के घेरे में
मामले में देवास जिला प्रशासन की भूमिका भी तटस्थ बनी रही। न पुलिस अधिकारी खुलकर आरोपियों का नाम लेने को तैयार हुए और न ही कलेक्टर कार्यालय से इस घटना पर कोई सख्त कदम उठाया गया। अगर देवास कलेक्टर मंदिर का व्यवस्थापक है, तो घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) कलेक्टर कार्यालय की ओर से क्यों नहीं दर्ज करवाई गई?
पुजारियों का बयान बदलना – क्या ये धर्मद्रोह नहीं?
मंदिर के पुजारी ने घटना की रात आरोपियों को पहचान कर नाम बताया, परंतु बाद में बयान से पलट गया। यह केवल कानून का उल्लंघन ही नहीं बल्कि माँ चामुंडा की शक्ति और भक्तों की आस्था का भी अपमान है। ऐसे पुजारियों पर झूठे बयान देने के लिए FIR दर्ज होनी चाहिए।
धर्मरक्षा के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा – कायरता और स्वार्थ
आज जबकि राष्ट्र में धर्म और संस्कृति की रक्षा हेतु आंदोलन तेज हो रहे हैं, वहीं धर्मस्थलों पर बैठे कुछ लालची और भयभीत पुजारी इस आंदोलन को कमजोर कर रहे हैं। धर्मरक्षा के नाम पर स्वार्थ पूर्ति और भय के समक्ष समर्पण – क्या यह आस्था की हत्या नहीं है?
अब समय आ गया है कि ऐसे पुजारियों को मंदिर प्रांगण से विदाई दी जाए, और उनकी जगह वे लोग आएं जिनमें माँ की मर्यादा की रक्षा करने का साहस और संकल्प हो।
माँ चामुंडा स्वयं देंगी न्याय
इस पूरे प्रकरण से करोड़ों भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं। लेकिन आस्था अडिग है — माँ चामुंडा स्वयं ऐसे पाखंडियों को दंड देंगी। इस बात में कोई संदेह नहीं कि धर्म की रक्षा केवल वही कर सकता है, जो निडर हो, निष्पक्ष हो और निस्वार्थ हो।
(विशेष रिपोर्ट: अंतिम युद्ध – प्रदीप जैन)
Discover more from SD NEWS AGENCY
Subscribe to get the latest posts sent to your email.