
फसल उत्सव को बताया समृद्धि, एकता और कृषि परंपरा का प्रतीक
तिरुवनंतपुरम, 14 अप्रैल (एस.डी. न्यूज़ एजेंसी)।
केरल के प्रमुख फसल पर्व विशु के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों और विश्वभर में बसे मलयाली समुदाय को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने शुभकामनाएं दीं। उन्होंने विशु को समृद्धि, संतोष, एकता और प्रकृति के प्रति आभार का प्रतीक बताया।
मुख्यमंत्री विजयन ने किया कृषि संस्कृति को पुनर्जीवित करने का आह्वान
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अपने संदेश में कहा,
“विशु समृद्धि और प्रचुरता का प्रतीक है। यह वह समय है जब लोग बेहतर भविष्य की कामना करते हुए आशाओं और सपनों को साझा करते हैं। यह पर्व हमें हमारी समृद्ध कृषि संस्कृति की पुनः स्थापना की आवश्यकता की भी याद दिलाता है।”
उन्होंने आगे कहा,
“हमारा देश विविधता और बहुलवाद का प्रतीक है, और विशु जैसे पर्व हमें सामाजिक समरसता को सुदृढ़ करने का अवसर देते हैं।”
राज्यपाल आर्लेकर ने प्रकृति संरक्षण पर दिया बल
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने अपने शुभकामना संदेश में कहा,
“विशु का यह फसल उत्सव हमारे जीवन में प्रचुरता, संतोष और सामूहिक एकजुटता का संचार करे। यह पर्व प्रकृति माता के प्रति आभार व्यक्त करने और उसके संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और अधिक मजबूत करने का अवसर है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह पर्व केरल की सांस्कृतिक पहचान का महत्वपूर्ण प्रतीक है और विश्वभर में बसे मलयाली लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है।
अन्य नेताओं ने भी दीं बधाई, कृषि परंपरा को बताया उत्सव का मूल भाव
वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने विशु को कृषि परंपराओं की पुनर्स्मृति का पर्व बताते हुए शुभकामनाएं दीं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने विशु को समृद्धि और एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक बताया।
भाजपा नेता कुम्मानम राजेशखरन ने कहा,
“विशु हमें लुप्त हो रही कृषि संस्कृति को पुनर्जीवित करने की प्रेरणा देता है।”
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ए.एन. शमसीर, विपक्ष के नेता वीडी सतीसन, सीपीआई (एम) राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन, केपीसीसी अध्यक्ष के. सुधाकरन, भाजपा के वरिष्ठ नेता ओ. राजगोपाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन सहित अनेक नेताओं ने भी लोगों को विशु पर्व की शुभकामनाएं दीं।
(रिपोर्ट: एस.डी. न्यूज़ एजेंसी)
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