
मुंबई: देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 75वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। इस अवसर पर हम आपको दिखा रहे हैं वह ऐतिहासिक जगह, जहाँ सरदार पटेल ने अपने अंतिम समय में आखिरी सांस ली। यह बंगला बिड़ला खानदान की 100 साल पुरानी हवेली है, जो ऐतिहासिक बनावट और पुरानी यादों से सजा कमरा अपने आप में एक प्रेरणा है।
मुंबई के मालाबार हिल्स में स्थित यह आलीशान हवेली वर्तमान में यशोवर्धन बिड़ला और उनके परिवार का घर है। बंगले की बनावट और सजावट में इतिहास और आधुनिकता का संगम देखने को मिलता है।
बिड़ला खानदान और सरदार पटेल का कनेक्शन
हवेली के खास कमरे में सरदार पटेल ने आखिरी पल बिताए। यशोवर्धन बिड़ला के अनुसार, यह बंगला उनके परदादा रामेश्वर दास बिड़ला ने बनवाया था। उस समय स्वतंत्रता संग्राम के कई नेता यहाँ आते-जाते रहते थे। महात्मा गांधी और सरदार पटेल भी इस हवेली के प्रमुख मेहमान थे।
आखिरी पल का कमरा
यह कमरा आज भी पुरानी यादों से सजा है। हल्के शेड की दीवारें शांत माहौल बनाती हैं। बड़े झूमर, पारंपरिक लकड़ी का फर्नीचर और बेंत की सीटें पुराने समय की याद दिलाती हैं। कमरे में लगी खिड़कियों और दरवाजों से आने वाली प्राकृतिक धूप कमरा जगमगाती है।
पुरानी यादें और कंटेम्पररी आर्ट
कमरे की दीवारों पर स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय नेताओं की तस्वीरें लगी हैं। दूसरी दीवार पर यश बिड़ला की फैशन और कंटेम्पररी आर्ट में रुचि झलकती है। इस तरह हवेली के कमरे में इतिहास और आधुनिकता का अद्भुत मिश्रण देखा जा सकता है।
खास पौधा और डेकोरेशन
कमरे में एरिका पाम का पौधा भी लगाया गया है, जो शाही और आलीशान इंटीरियर का हिस्सा माना जाता है। इसकी घनी और ऊंची बनावट कमरे की शोभा बढ़ाती है।
अन्य कमरे भी सजाए गए
सिर्फ सरदार पटेल वाला कमरा ही नहीं, बल्कि हवेली के अन्य कमरे भी पुरानी यादों और ऐतिहासिक तस्वीरों से सजे हैं। ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरों में परिवार और राजनीतिक हस्तियों को देखा जा सकता है, जो स्वतंत्रता आंदोलन की याद दिलाती हैं।
निष्कर्ष: बिड़ला हवेली सिर्फ एक घर नहीं, बल्कि इतिहास और यादों का संगम है। यह दर्शाती है कि पुरानी यादों और ऐतिहासिक महत्व को सजाकर किस तरह घर को प्रेरणादायक बनाया जा सकता है।