
क्या मुख्य नगर पालिका अधिकारी होंगी स्थानांतरित या निलंबित?
पेटलावद, 06 अप्रैल (एसडी न्यूज एजेंसी)।
पेटलावद में 23 मार्च को हुए निर्माणाधीन अवैध सिनेमा हॉल हादसे को 15 दिन बीत चुके हैं, जिसमें दो मजदूरों की दर्दनाक मौत और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बावजूद इसके, मुख्य आरोपी नरसिंहदास बैरागी सहित अन्य दोषी अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
यह हादसा थांदला रोड स्थित एक अवैध निर्माणाधीन सिनेमा हॉल की छत गिरने से हुआ था, जो नगर परिषद की घोर लापरवाही को उजागर करता है। हादसे में मारे गए मजदूरों के आश्रित परिवार आज भी शोक और असुरक्षा के माहौल में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
जांच रिपोर्ट तैयार, कलेक्टर के पास विचाराधीन
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, कलेक्टर द्वारा गठित जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसे जल्द ही कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। रिपोर्ट में सबसे बड़ी लापरवाही पेटलावद नगर परिषद की मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) आशा जितेंद्र भंडारी की बताई जा रही है।
कई सवालों के घेरे में नगर परिषद
नगर परिषद क्षेत्र में अवैध निर्माण वर्षों से जारी था, परंतु न तो सीएमओ और न ही अन्य जिम्मेदार अधिकारियों ने समय रहते कोई प्रभावी कदम उठाया। प्रशासनिक निष्क्रियता के चलते दो निर्दोषों की जान चली गई और तीन लोग आज भी दर्द से जूझ रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, सीएमओ की लापरवाही से नगर परिषद की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। सीएमओ क्षेत्र की सर्वोच्च कार्यकारी अधिकारी होते हुए भी निर्माण कार्यों पर निगरानी रखने में पूरी तरह असफल रहीं।
अब सभी की निगाहें प्रशासनिक कार्रवाई पर
अब सवाल यह है कि प्रशासन द्वारा इस मामले में क्या कठोर कदम उठाए जाएंगे?
- क्या सीएमओ को तत्काल पेटलावद से स्थानांतरित किया जाएगा?
- या फिर उन्हें निलंबित कर मामले की गंभीरता को देखते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी?
जल्द ही कलेक्टर द्वारा निर्णय लिए जाने की संभावना है। फिलहाल, पीड़ित परिवारों और आम नागरिकों को प्रशासन से न्याय की प्रतीक्षा है।
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