
प्रसिद्ध कथा वाचक डॉ. सच्चिदानंद शर्मा ने किया आध्यात्मिक ज्ञान का सागर प्रवाहित
नरसिंहगढ़, 06 अप्रैल (एसडी न्यूज एजेंसी)।
बजरंग मोहल्ले में श्री सुरेश सेठ एवं समस्त जायसवाल परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का शनिवार को भव्य कलश यात्रा एवं भंडारे के साथ विधिवत समापन हुआ। इस पावन अवसर पर उज्जैन से पधारे सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य एवं कथा वाचक डॉ. सच्चिदानंद जी शर्मा ने श्रीमद्भागवत कथा के गूढ़ रहस्यों और आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला।
कथा वाचन के दौरान उन्होंने कहा, “कथा और सत्संग हमारे जीवन को आध्यात्मिक एवं सकारात्मक ऊर्जा से भर देते हैं।”
उन्होंने समझाया कि मनुष्य के जीवन का परम लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति है और ईश्वर के दरबार में जाने वाला कभी भी खाली नहीं लौटता। भगवान सदैव प्रसन्न मुद्रा में मिलते हैं, जिससे हमें यह सीख मिलती है कि हर परिस्थिति में प्रसन्न रहना चाहिए और ईश्वर पर अटूट विश्वास रखना चाहिए।
डॉ. शर्मा ने जीवन में पाँच प्रकार के ऋणों की चर्चा करते हुए बताया:
- माता-पिता का ऋण – विवाह और संतान से चुकता होता है।
- गुरु ऋण – गुरु की आज्ञा का पालन कर उतारा जाता है।
- समाज ऋण – धर्म और परमार्थ से चुकता होता है।
- प्रकृति ऋण – संरक्षण और देश सेवा से मुक्त होता है।
- ईश्वर ऋण – भक्ति के जागरण से चुकता होता है।
कथा में उन्होंने राजा परीक्षित और सुकदेव जी के संवाद का उल्लेख करते हुए भागवत पुराण की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि कलयुग का वास पाँच स्थानों – जुआ, शराब, चरित्रहीनता, मांस भक्षण एवं स्वर्ण में होता है।
कार्यक्रम के समापन पर भावपूर्ण भजन “में तो अरज करा गुरु थाने, चरना में राखजो म्हाने” और “में वारी जाऊं रे सतगुरु” पर श्रद्धालु भक्तों ने झूमकर नृत्य किया।
अंतिम दिवस पर विधायक प्रतिनिधि एवं भाजपा युवा नेता सुदीप शर्मा, मंडल अध्यक्ष देवेंद्र सिंह परमार, राजकुमार साहू, अभिषेक भार्गव, तथा सूरजपोल क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में डॉ. सच्चिदानंद शर्मा जी का शाल, श्रीफल और पुष्पमाला से सम्मान किया गया।
सम्मान समारोह में हेरंभ श्रीवास्तव, पार्षद अंकित साहू, कंवरलाल वर्मा, महेश साहू, तेज सिंह बापू, अनूप साहू, राजू सहित समस्त सूरजपोल निवासी उपस्थित रहे।
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